आजमगढ़: 25 अक्टूबर को लक्ष्मी ने अपर पुलिस अधीक्षक नगर से मिलकर प्रार्थना पत्र देने के साथ ही सारे सबूत भी सौंपे. मामला पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य तक पहुंचा तो उन्होंने एसपी ट्रैफिक को जांच अधिकारी नामित कर दिया.
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वेदेंद्र शर्मा/आजमगढ़: यूपी के आजमगढ़ की पुलिस ने मुकदमें से नाम निकालने के नाम पर 70 हजार रुपए घूस लेने वाले मुख्य आरक्षी को गिरफ्तार कर लिया है. जिले के पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की गई. टर्मिनेट सिपाही का एफआईआर से नाम निकालने के नाम पर मुख्य आरक्षी द्वारा उसकी मां से 70 हजार रुपये घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
ऑडियो हुआ था वायरल
25 अक्टूबर को लक्ष्मी ने अपर पुलिस अधीक्षक नगर से मिलकर प्रार्थना पत्र देने के साथ ही सारे सबूत भी सौंपे. मामला पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य तक पहुंचा तो उन्होंने एसपी ट्रैफिक को जांच अधिकारी नामित कर दिया. एसपी ट्रैफिक की जांच में मुख्य आरक्षी प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया. आरोप पुष्टि होने के बाद पीड़िता की तहरीर पर शहर कोतवाली में मुख्य आरक्षी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. इसी बीच आरोपी का पीड़ित से बातचीत करने का ऑडियो वायरल हो गया.
पीड़ित लक्ष्मी देवी निवासी हरिश्चन्द्रपुर थाना गम्भीरपुर ने मुख्य आरक्षी के खिलाफ लिखित शिकायत की थी. उन्होंने बताया कि क्षेत्राधिकारी सदर आजमगढ पेशी के हेड कांस्टेबल रामसोच द्वारा मुकदमें में नाम निकालने के लिये 70000 रुपया लिया है. इसकी जांच एसपी ट्रैफिक द्वारा कराई गई, जिसमें आरोप की प्रथम दृष्टया पुष्टि होने पर वादी की तहरीर पर थाना कोतवाली पर घूसखोर हेड कांस्टेबल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. इस घटना पर तत्काल संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य द्वारा कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया. एसपी के निर्देश के बाद हेड कॉन्स्टेबल रामसोच निवासी अख्तियारपुर बलिया को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.