अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर परिवारवाद और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. छात्रों की मांग है कि अब समय आ गया है कि एएमयू एक्ट में संशोधन होना चाहिए,.
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प्रमोद कुमार/अलीगढ़: देश के प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में शुमार अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को लेकर अक्सर कोई न कोई विवाद सामने आता ही रहता है. अब यहां के वाइस चांसलर प्रो. तारीक मंसूर के खिलाफ पूर्व छात्रों और शहरवासियों ने मोर्चा खोल दिया है. उन्हें बर्खास्त करने और उनके समय में हुई नियुक्तियों की जांच की मांग की जा रही है.
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इन्हीं मांगों को लेकर पूर्व छात्रों ने सोमवार को हस्ताक्षर अभियान चलाया. एएमयू के पूर्व छात्रों का कहना था कि एएमयू के वीसी प्रो. तारीक मंसूर के समय में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है. उन्होंने नियमों के खिलाफ जाकर अपने बेटे, बहू, भांजी और परिवार के कई लोगों को यूनिवर्सिटी में नौकरी दी है.
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जमीन में फर्जीवाड़े का आरोप
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि उन्होंने एएमयू की जमीनों को मनमाने तरीके से अपने रिश्तेदारों को बेंच दिया. छात्रों का कहना था कि वीसी ने एएमयू की जमीन अपने भांजे को बेंच दी, जिसके बाद उन्होंने इसमें अपना एक स्कूल खोला है. इसलिए इनके समय में हुई नियुक्तियों और सारे खरीद फरोख्त की सीबीआई से जांच होनी चाहिए.
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एएमयू के पूर्व छात्र और भाजपा के पूर्व प्रवक्ता डॉ निशित ने कहा कि एएमयू में हिंदुओं की अनदेखी की जा रही है. देश के बटवारे की नींव रखने वाली ऑल इंडिया मुस्लिम कांफ्रेंस का यूनिवर्सिटी में प्रजेंटेशन किया जा रहा है, जिसे बंद किया जाना चाहिए. इसके साथ एएमयू एक्ट में संशोधन होना चाहिए, क्योंकि यहां लगातार हिंदुओं की अनदेखी की जाती है ओर भर्तियों में योग्य होने के बाद भी उन्हें नियुक्ति नहीं दी जाती. उन्होंने कहा कि इसी मांग के साथ उन्होंने हस्ताक्षर अभियान चलाया है, जिसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा.