Allahabad High Court: प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी अपने अधिकारियों को दें सही से काम करने की ट्रेनिंग-हाईकोर्ट
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Allahabad High Court: प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी अपने अधिकारियों को दें सही से काम करने की ट्रेनिंग-हाईकोर्ट

Allahabad High Court:  SDM रसड़ा बलिया के आदेश पर पुलिस ने बेदखल कर मकान ध्वस्त करने के मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने की टिप्पणी...हाईकोर्ट ने कहा DGP व प्रमुख सचिव गृह अपने अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए कदम उठाएं..

 

Allahabad High Court: प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी अपने अधिकारियों को दें सही से काम करने की ट्रेनिंग-हाईकोर्ट

मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक व प्रमुख सचिव गृह को अधिकारियों को अपने कर्तव्य का पालन करने का प्रशिक्षण देने के कदम उठाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि जिस पुलिस पर नागरिकों के जीवन संपत्ति की रक्षा का दायित्व है वही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी अपने कर्तव्य का पालन न कर मनमानी व अवैध कार्रवाई कर रहें हैं. 

5 अगस्त को होगी सुनवाई
कोर्ट ने जिलाधिकारी बलिया व एसडीएम रसड़ा से आदेश के अनुपालन का हलफनामा मांगा है और जबरन ढहाए गये मकान की नवैयत में बदलाव न करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने विवादित संपत्ति पर किसी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी है. याचिका की अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी. जस्टिस सलिल कुमार राय ने मोहम्मद सईद की द्वितीय अपील की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है.

कोर्ट ने मांगी दो हफ्ते में जानकारी
मालूम हो कि अपीलार्थी को मकान से बेदखल करने का सिविल वाद लंबित था. बिना किसी डिक्री या कोर्ट आदेश के एसडीएम रसड़ा, जिला बलिया ने कोतवाली पुलिस को मकान खाली कराकर ध्वस्तीकरण का आदेश दिया. जिस पर कोर्ट ने विपक्षी से दो हफ्ते में जानकारी मांगी है. पुलिस की भूमिका पर कोर्ट ने 12 जुलाई 22 के आदेश से अधिकारियों से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा था. ट्रेनी सीओ/एसएचओ कोतवाली उस्मान, दरोगा पुलिस चौकी उत्तरी रवीन्द्र कुमार पटेल व क्राइम इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह ने बताया कि एसडीएम ने डिक्री का पालन करने का निर्देश दिया था.  जिस पर मकान खाली कराकर ध्वस्तीकरण कार्रवाई की गई है.

पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के कदम उठाने का निर्देश 
नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी ने चिन्हित किया था. जबकि एसपी बलिया की रिपोर्ट में बताया गया कि पुलिस जबरन घर में घुसी, गाली गलौज किया और अपीलार्थी के परिवार को बाहर निकाल दिया. अधिशासी अधिकारी ने बताया कि उसे दरोगा ने कोतवाली बुलाया. लेकिन यह नहीं बताया कि उनके कोतवाली पहुंचने से पहले ध्वस्तीकरण कार्रवाई की जा चुकी थी.  पुलिस स्कवैड ने तत्परता दिखाई. अवैध कार्रवाई की.  अपने दायित्व का निर्वाह नहीं किया.  सिविल कोर्ट के पावर को मनमाने ढंग से मजिस्ट्रेट ने हड़प लिया.  कोर्ट ने एसडीएम के आदेश को अवैध करार दिया है. जिस पर कोर्ट ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के कदम उठाने का निर्देश दिया है.

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