यूपी में कौन संभालेगा वीआईपी जिले, जिलाध्यक्ष पर गोरखपुर-वाराणसी से गाजियाबाद तक फंसा पेंच!
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2595645

यूपी में कौन संभालेगा वीआईपी जिले, जिलाध्यक्ष पर गोरखपुर-वाराणसी से गाजियाबाद तक फंसा पेंच!

UP Politics: यूपी में बीजेपी जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर सरगर्मियां तेज हैं. सूत्रों की माने तो 29 जिले ऐसे हैं जहां जिलाध्यक्षों को फिर कुर्सी मिलने पर खतरा है. खास नजरें वाराणसी और गोरखपुर जैसे वीआईपी जिलों पर हैं.

UP BJP

UP Politics: 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव और उससे पहले पंचायत चुनाव की परीक्षा को पास करने के लिए बीजेपी संगठन के किले को मजबूत करने में जुटी है. इसी को लेकर जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पर पार्टी का खासा जोर है. लेकिन गोरखपुर से लेकर वाराणसी और गाजियाबाद तक बीजेपी के नए जिलाध्यक्ष मिल सकते हैं. इसकी वजह बीजेपी का नया नियम है. जिसने दो बार के जिलाध्यक्षों के हैट्रिक लगाने पर रोक लगा दी है.

29 जिलों के बदल सकते हैं जिलाध्यक्ष
बीजेपी ने 75 जिलों को 98 संगठनात्मक जिलों में बांटा है. पिछली बार सितंबर 2023 में 98 जिलाध्यक्ष नियुक्त किए गए थे. इनमें से 29 ऐसे थे, जिनको दूसरी बार कुर्सी मिली थी. यानी इन 29 जिलाध्यक्षों की तीसरी बार कुर्सी पर बैठने का सपना टूट सकता है. लेकिन सूत्रों की मानें तो बड़े नेताओं के हरी झंडी दिखाने के बाद नियुक्ति के लिए नियम टूट भी सकता है.

वीआईपी जिलों में किसे कमान?
सबसे ज्यादा नजरें गोरखपुर से लेकर वाराणसी तक वीआईपी जिलों पर हैं. सूत्रों के मुताबिक वीआईपी जिलों में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी जैसे बड़े नेताओं की रायशुमारी के बाद ही यहां जिलाध्यक्षों की नियुक्ति होगी. इसके अलावा चर्चा यह भी है कि 2022 में अंबेडकरनगर, शामली, आजमगढ़ और कौशांबी जैसे जिलों में पार्टी का खाता नहीं खुला था. यहां भी जिलाध्यक्षों को लेकर मंथन हो रहा है.

गोरखपुर महानगर में वर्तमान अध्यक्ष - राजेश गुप्ता
वाराणसी महानगर जिलाध्यक्ष - विद्यासागर राय
आगरा महानगर - भानु महाजन
गाजियादबाद महानगर - संजीव शर्मा
नोएडा महानगर - मनोज गुप्ता

क्यों अहम है जिलाध्यक्ष पद
- अपनी टीम बनाने का मौका
-  पंचायत 2026 और विधानसभा चुनाव2027 की जिम्मेदारी
-  पंचायत और विधानसभा प्रत्याशी के पैनल में राय अहम

जिलाध्यक्ष की कुर्सी के लिए ये शर्तें
दरअसल बीजेपी ने जिलाध्यक्षों को लेकर मापदंड बनाए हैं. जिसके मुताबिक दो बार से जिलाध्यक्षों को तीसरी बार मौका नहीं देने का नियम बनाया गया है. इसके पीछे माना जा रहा है कि पार्टी की मंशा नए चेहरों को आगे बढ़ाने की है. इसके अलावा भी दो और शर्तें तय की गई हैं, जिसमें बीजेपी जिलाध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने वाले नेता की उम्र 60 साल से कम होनी चाहिए. इससे ज्यादा उम्र के नेता बीजेपी जिलाध्यक्ष की रेस से बाहर हो जाएंगे. तीसरी शर्त यह है कि नेता कम से कम दो बार का सक्रिय सदस्य रहा हो.

यह भी पढ़ें-  UP Politics: यूपी बीजेपी जिलाध्यक्ष की रेस से ये नेता बाहर, इन दो शर्तों ने तोड़ा कुर्सी का सपना

यह भी पढ़ें-  कौन हैं अजीत प्रसाद, जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भी हारे, मिल्कीपुर में कैसे बचा पाएंगे सांसद पिता की साख

 

 

TAGS

Trending news