Nageshwar Nath Mandir: वैसे तो यूपी में कई ऐसे शिव मंदिर हैं, जिनकी मान्यता बड़ी अनोखी है, लेकिन आज हम बात कर रहे हैं प्रयागराज के नागेश्वर नाथ मंदिर की. ये मंदिर महादेव को समर्पित है और इसकी परंपरा भी बेहद अनूठी है. यहां भक्त अनोखे ढ़ंग से मन्नत मांगते हैं.
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Nageshwar Nath Mandir: यूपी में कई शिव मंदिर हैं, जहां सावन में भक्तों की भीड़ लगती है. सभी शिव मंदिरों की अपनी-अपनी मान्यता है. भक्त इन मंदिरों में जाकर पूजा पाठ कर अपनी मन्नत मांगते हैं. ऐसा ही एक अनोखा मंदिर है प्रयागराज में. जिसे नागेश्वर नाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर की मान्यता बड़ी ही अनोखी है. यहां भक्त आकर ताला लगाकर अपनी मन्नत मांगते हैं. बाद में मन्नत पूरी होने पर ताला खोलने की मान्यता है.
3000 से अधिक लगे हैं ताले
नागेश्वर नाथ महादेव मंदिर के महंत के मुताबिक, इस मंदिर में लगभग 3000 से ज्यादा ताले लग चुके हैं. इस मंदिर में भक्त आते हैं और अपनी मन्नत पूरी करने के लिए यहां पर मंदिर के दीवारों में ताला लगाकर चले जाते हैं. जिसकी मान्यता पूरी होती है. वह अपनी चाबी लेकर ताला खोलने आता है और ताला खोलकर जाता है. यहां तालों की संख्या घटती बढ़ती रहती है.
मुगल काल में मंदिर की स्थापना
इस मंदिर में एक गजब की शक्ति है. लगभग 5 फीट गहराई में स्थित इस छोटे आकार वाले नागेश्वर नाथ महादेव मंदिर की चर्चा पूरे शहर में होती है. क्योंकि यह एकमात्र मंदिर है, जहां अपनी किस्मत खोलने के लिए लोगों को ताला लगाना पड़ता है. मंदिर के महंत की मानें तो यह मंदिर लगभग पांच सौ साल पुराना है. जिसकी स्थापना लगभग मुगल काल में हुई थी. इस मंदिर के स्थापित होने का इतिहास इसकी दीवार पर अरबी/फारसी भाषा में लिखा है.
नाथ संप्रदाय द्वारा स्थापित शिवलिंग
पहले यह मंदिर समतल जमीन से कुछ ऊंचाई पर बनाया गया था, लेकिन जैसे-जैसे विकास कार्य होता गया सड़क अपने आप मंदिर से ऊंचाई पर होने लगी. मान्यता है कि इस मंदिर का नवनिर्माण करवाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. जैसे की नागेश्वर नाथ की खुद बनने की इच्छा ना हो. इस नागेश्वर नाथ मंदिर में नाथ संप्रदाय द्वारा स्थापित शिवलिंग है. पूरे भारत में नाथ संप्रदाय द्वारा केवल 9 शिवलिंग स्थापित किए गए थे. जिनमें से यह भी एक है. यहां की यह भी मान्यता है कि अगर आप अगरबत्ती जलाकर 15 मिनट तक भगवान शिव का ध्यान कर लें, तो इस मंदिर की शक्तियों को एहसास किया जा सकता है.