Education Hindi News: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी ने इस संबंध में जानकारी दी है कि राज्यों व विश्वविद्यालयों को एसईडीजी के दिशानिर्देश दिए गए हैं. उच्च शिक्षण संस्थानों व कॉलेजों में एसईडीजी प्रकोष्ठ भी खोल दिए जाएंगे.
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UGC News: अब गरीब व पिछड़े वर्ग के छात्र भी कॉलेज में पढ़ाई के साथ-साथ अपने लिए कमाई कर सकेंगे. इन छात्रों को पढ़ाई के समय रोजगार या अपना काम शुरू करने के लिए सशक्त बनाने की कोशिश है. जिसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की विशेषज्ञ समिति ने सामाजिक-आर्थिक वंचित वर्ग (एसईडीजी) के युवाओं को एक जैसे अवसर देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत दिशानिर्देश तय कर दिए हैं. जिसमें छात्रों को अर्न व्हाइल लर्न मतलब पढ़ाई के साथ ही कमाई योजना के अर्तगत सशक्त बनाया जाएगा.
एसईडीजी के दिशानिर्देश
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी के मुताबिक एसईडीजी के दिशानिर्देश राज्यों व विश्वविद्यालयों को भेज दिए गए हैं. उच्च शिक्षण संस्थानों के अलावा कॉलेजों में भी एसईडीजी प्रकोष्ठ खोल दिए जाएंगे. सीईडीजी के तहत कॉलेज अपनी गाइडलाइन भी बना सकते हैं. इन वर्गों के छात्रों की परेशानी, अधिकारों व आगे बढ़ने व विकास करने में यह प्रकोष्ठ इनकी सहायता करेगा. प्रकोष्ठ व उसके काम के प्रति सभी शिक्षकों को जागरूक किया जाएगा जिससे कि छात्रों को दाखिला प्रक्रिया में मदद मुहैया की जा सकें.
ऑनलाइन कोर्स
दाखिला लेने के बाद इन छात्रों की भाषा खासकर अंग्रेजी व अन्य विषय से जुड़ी परेशानियों को ब्रिज कोर्स के जरिए दूर कर दिया जाएगा. यह ब्रिज कोर्स लोकर भारतीय भाषा में होंगे ताकि समझने में कोई दिक्कत न हो. छात्र की क्षमता व पसंद के बेस पर रोजगार या अपना काम शुरू करने के लिए कोर्स भी दिए जाएंगे जिसमें ऑनलाइन कोर्स भी शामिल होंगे. इस योजना में भूकंप व बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र को मुख्य रूप से फोकस में रखा गया है, ये इलाके हैं-
लक्षद्वीप, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह
सीमा क्षेत्र, नॉर्थ-ईस्ट
ग्रामीण व दूरदराज के गांव व कस्बे
आदिवासी क्षेत्र, आंकाक्षी जिले
भूकंप व बाढ़ ग्रस्त इलाके
विद्यार्थियों को आगे लाने की तैयारी में इन वर्गों का नाम है-
महिला, ट्रांसजेंडर अनुसूचित
जाति, अनुसूचित जनजाति
ईडब्ल्यूएस, नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी
अल्पसंख्यक, क्षेत्रीय भाषा माध्यम स्कूल
पहली पीढ़ी के शिक्षित वर्गों को सशक्त बनाने की तैयारी है.
दिव्यांगजनों की श्रेणी की बात करें तो यह कुछ इस तरह से हैं-
40 फीसदी से ज्यादा वाले दिव्यांगजन
शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक दिव्यांगजन
बीपीएल, प्रवासी समुदाय, खानाबदोश जनजाति
बाल भिखारी, असुरिक्षत स्थितियों में रह रहे छात्र
इनके अलावा मानव तस्करी में शामिल लोगों के बच्चे
कोरोना में माता-पिता खो चुके छात्रों को आगे लाने से जुड़े काम किए जाएंगे.