सनातन धर्म में 18 पुराणों का जिक्र होता है. जिनमें से एक है गरुड़ पुराण. बताया जाता है कि एक बार पक्षीराज गरुड़ ने भगवान विष्णु यानी श्री हरि से मृत्यु के बाद प्राणियों की दूसरे जन्म तक यात्रा के बीच में आने वाले पड़ावों के बारे में प्रश्न किए.
भगवान विष्णु ने मृत्यु के बाद की यात्रा पर गरुड़ राज के प्रश्नों के जो जवाब दिये उन्ही की श्रृंखला को गरुड़ पुराण कहा जाता है.
ब्रह्माजी ने गरुड़ पुराण का ज्ञान महार्षि वेदव्यास को सुनाया था. फिर यही ज्ञान वेदव्यास जी ने अपने शिष्य महार्षि सूतजी को दिया था जिन्होंने इसे शौनकादि ऋषियों को दिया था.
गरुड़ पुराण में कई नियमों का जिक्र है जिनके अनुसार कुछ काम भूलकर भी ना करें, अन्यथा लक्ष्मी जी रुष्ट हो जाती हैं.
गरुड़ पुराण के अनुसार बासी भोजन को जहर के समान माना गया है. कहा जाता है कि बासी भोजन करने से आयु कम होती है.
सुबह देर तक सोने से ना केवल स्वास्थ्य पर नकारात्म प्रभाव पड़ता है बल्कि देवी लक्ष्मी भी इससे नाराज हो जाती है.
मान्यता है कि जो लोग सुबह जल्दी उठकर ध्यान आदि लगाते हैं उनके घर में कभी भी दरिद्रता का वास नहीं होता.
सुबह जल्दी उठना अच्छी आदतों में माना जाता है. वहीं गरुड़ पुराण के अनुसार सुबह देर तक सोने का स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है.
गरुड़ पुराण के अनुसार किसी भी व्यक्ति को शारीरिक या मानसिक कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए. दूसरों को कष्ट देने वाले के अपने जीवन में भी कभी सुख शांति नहीं रहती.
किसी के साथ धोखा करना पाप की श्रेणी में आता है. इसलिए गरुड़ पुराण के अनुसार कभी किसी को धोखा नहीं देना चाहिए. ऐसा करने वाला नर्क को जाता है.
धनवान होकर भी कभी गरीबी या आर्थिक तंगी का दिखावा नहीं करना चाहिए. जो लोग ऐसा व्यवहार करते हैं गरुड़ पुराण के अनुसार मां लक्ष्मी उन्हें रुष्ट हो जाती हैं और धनवान भी दरिद्र हो जाता है.
ये खबर लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए ZEE UPUK उत्तरदायी नहीं है.