Hathras: यूपी के हाथरस जिले में मंगलवार को भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से बड़ा हादसा हो गया. अब तक 27 लोगों के मौत की खबर है. मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है. हालांकि देश में मंदिरों औऱ अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान यह पहला हादसा नहीं है. इससे पहले भी प्रतापगढ़, इलाहाबाद जैसे जिलों में भी ऐसी दुर्घटनाएं हुई हैं. इसमें बड़ी संख्या में लोग काल के गाल में समा गए.
- प्रतापगढ़ में 63 लोगों की मौत
यूपी के प्रतापगढ़ जिले में 4 मार्च 2010 को राम-जानकी मंदिर में कृपालु महाराज की पत्नी की पुण्यतिथि के मौके पर कपड़े और खाना बांटे जाने के दौरान भगदड़ मचने से 63 लोगों की मौत हो गई. इसमें 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. उस वक्त वहां करीब 10 हजार लोगों की भीड़ थी.
- इलाहाबाद में 39 की मौत
10 फरवरी 2013 को इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर कुंभ मेले में स्नान करने पहुंचे लोगों में भगदड़ से 39 लोगों की मौत हुई थी.
- हरिद्वार में 22 की मौत
8 नवंबर 2011 को हरिद्वार में हर की पौड़ी पर भगदड़ में 22 लोगों की मौत हो गई थी.
- वैष्णो देवी 12 ने गंवाई जान
एक जनवरी 2022 को नए साल की सुबह वैष्णो देवी मंदिर में हुई भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई.
- हिमाचल में 160 श्रद्धालु मारे गए
3 अगस्त 2008 को हिमालच प्रदेश के नैना देवी मंदिर में मची भगदड़ में 160 श्रद्धालु मारे गए और 400 से ज्यादा घायल हुए. नैनादेवी मंदिर के पहाड़ी रास्ते पर बना रेन शेल्टर खराब मौसम में ढह गया, जिससे हादसा हुआ था. दर्जनों से अधिक तीर्थयात्रियों को चोट आई थी.
- 217 की मौत
30 सितंबर 2008 को नवरात्रि पर्व के दौरान राजस्थान के जोधपुर स्थित चामुंडा देवी मंदिर में भगदड़ होने से 217 लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
- सबरीमाला में भगदड़ से 104 की मौत
14 जनवरी 2011 को मकर संक्रांति की रात केरल के सबरीमाला मंदिर में मची भगदड़ में 104 से ज्यादा लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए थे.
- 14 अक्टूबर 2013, मध्य प्रदेश, भारत
साल 2013 में मध्य प्रदेश में रतनगढ़ मंदिर के पास एक पुल पर भगदड़ मचने से कम से कम 115 लोगों की मौत हो गई थी. यह हादसा तब हुआ था जब हिंदू त्योहार नवरात्रि के लिए हजारों की संख्या में लोग एकत्र हुए थे.
- 25 जनवरी 2005, महाराष्ट्र, भारत
सुदूर मंधार देवी मंदिर की हिंदू तीर्थयात्रा के दौरान भगदड़ में 300 बाहरी हिंदू तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी, कई तीर्थयात्री कुचल कर मरे और कई जलकर मर गए थे. दरअसल सड़क किनारे दुकानों में आग लग गई भी जिससे बचने के लिए लोग भाग रहे थे और वह लोग आग और भगदड़ की चपेट में मारे गए.
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