Bada Mangal 2023: ज्येष्ठ माह में हनुमान जी के वृद्ध रूप की पूजा की जाती है. 9 मई को इस वर्ष का पहला बड़ा मंगल पड़ रहा है. ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार को हनुमान जी के लिए विशेष माना गया है और इस दिन को बड़ा मंगल के तौर पर मनाया जाता है. बड़ा मंगल के मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जानिए.
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Bada Mangal 2023: ज्येष्ठ माह में बजरंगबली के वृद्ध रूप की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. इस वर्ष का पहला बड़ा मंगल 9 मई को पड़ रहा है. ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार को बड़ा मंगल के तौर पर मनाया जाता है. इस माह के मंगलवार को बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है. आइए इस बार के बड़ा मंगल के मुहूर्त और पूजा विधि को जान लेते है.
सबसे पहले जानते हैं बड़ा मंगल की तारिख (Bada Mangal 2023 Date)
पंचांग के अनुसार इस वर्ष
पहला बड़ा मंगल की तारीख 09 मई है.
दूसरा बड़ा मंगल 16 मई को पड़ रहा है.
23 मई को तीसरा बड़ा मंगल है.
30 मई 2023 को चौथा बड़ा मंगल है.
शुभ अवसर पर क्या क्या होता है.
बड़ा मंगल के शुभ अवसर पर लोग भजन करते हैं. भूखों को भोजन कराते हैं. इस दिन बजरंगबली की पूजा करने, व्रत और दान करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं. शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से जो परेशानियां बढ़ी हैं उनसे भी छुटकारा मिलता है. उत्तर प्रदेश में तो बड़ा मंगल का बहुत महत्व माना गया है.
पहला बड़ा मंगल 2023 के दिन पूजा का मुहूर्त (First Bada Mangal 2023 Muhurat)
चर (सामान्य) का शुभ मुहूर्त सुबह के 09.00 से सुबह 10.36 तक
लाभ (उन्नति) का शुभ मुहूर्त सुबह 10.36 से 12.13 तक
अमृत (सर्वोत्तम) का शुभ मुहूर्त दोपहर 12.13 से दोपहर 01.49 तक
पहला बड़ा मंगल 2023 के लिए क्या है शुभ योग (Bada Mangal 2023 Shubh yoga)
पहले बड़ा मंगल को सिद्ध योग का संयोग हैं जिसमें शुभ कार्य किए जा सकते हैं. मंत्र जाप करना शुभ होगा और इस तरह इस दिन पूजा सिद्ध हो जाती है. किसी नये काम को शुरू करने से इस दिन कार्य में सिद्धि प्राप्त किया जा सकता है.
बड़ा मंगल के दिन की पूजा विधि जान लीजिए (Bada Mangal Puja vidhi)
बड़ा मंगल के दिन आप सुबह उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प करें. लाल वस्त्र धारण करें और घर के ईशान कोण में हनुमान जी के चित्र को चौकी पर स्थापित करें. ऐसा हनुमान जी के मंदिर में भी किया जा सकता है. पहले हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं और फिर लाल वस्त्र, लाल पुष्प और लाल फल चढ़ांए. हनुमान जी को पान का बीड़ा, केवड़ा इत्र के साथ ही बूंदी चढ़ाने का भी विधान है.
हनुमान जी का मंत्र
एक मंत्र है- ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित विक्रमाय, प्रकटपराक्रमाय महाबलाय सूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय, इस मंत्र का आप जाप करें. विशेष कामना हो तो हनुमान चालीसा का आप 7 बार पाठ करें. आरती करते हुए पूजा संपन्न करें और लोगों को प्रसाद बांटें.
बच्चों को गुड़ के साथ जल और अन्न दान करें.
सुंदरकांड और रामचरितमानस का पाठ
अच्छा होगा कि आप ज्योतिष और धर्म के उपाय को ही अपनाएं. अपने सलाहकार से भी अवश्य मंत्रों के जाप आदि की पूरी विधि जान लें. पुराणों में बताया गया है कि ज्येष्ठ माह के मंगलवार को भगवान हनुमान की भेंट उनके आराध्य श्रीराम से हुई और इसी ज्येष्ठ माह में हनुमान जी ने पांडु पुत्र भीम के घमंड को तोड़ा था. हनुमान जी चिरंजीवी हैं. कहते हैं कि संसार में बड़ा मंगल को जहां भी सुंदरकांड या फिर रामचरितमानस का पाठ किया जाता है वहां पर किसी न किसी रूप में कथा सुनने के लिए हनुमान जी पधारते हैं और भक्तजनों के संकट दूर करते हैं.
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