Vishwakarma Puja 2024: विश्वकर्मा पर ब्रह्माजी के मानस पुत्र शिल्पकार विश्वकर्मा जी की पूजा की जाती है. बिहार और बंगाल में विश्वकर्मा पूजा दिवस काफी धूमधाम से मनाया जाता है. सनातन शास्त्रों में निहित है कि कन्या संक्रांति तिथि पर शिल्पकार विश्वकर्मा जी का अवतरण हुआ था. अत: हर वर्ष भाद्रपद महीने में कन्या संक्रांति तिथि पर विश्वकर्मा जी की पूजा की जाती है.
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Vishwakarma Puja 2024: हिंदू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का काफी ज्यादा महत्व है. हर वर्ष भाद्रपद महीने में विश्वकर्मा पूजा मनाई जाती है. यह पर्व सूर्य देव के कन्या राशि में गोचर करने की तिथि पर मनाया जाता है. इस दिन ब्रह्माजी के मानस पुत्र शिल्पकार विश्वकर्मा जी की पूजा की जाती है. आज 17 सिंतबर को विश्वकर्मा पूजा है.आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और इसका महत्व.
कब है विश्वकर्मा पूजा
17 सितंबर 2024
विश्वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त 2024-(Vishwakarma Puja 2024 Shubh Muhurat)
इस साल विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी. विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त 17 सितंबर की सुबह 06 बजकर 07 मिनट से लेकर सुबह के 11 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. इस तरह से इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा का शुभ समय कुल 5 घंटे 36 मिनट का होगा.. विश्वकर्मा पूजा अभिजीत मुहूर्त में करना शुभ रहेगा.
शुभ योग (Vishwakarma Puja Shubh Yog)
दुर्लभ सुकर्मा योग का निर्माण 16 सितंबर को सुबह 11 बजकर 42 मिनट तक है.
रवि योग का निर्माण शाम 04 बजकर 33 मिनट से हो रहा है.
योग का समापन 17 सितंबर को सुबह 06 बजकर 07 मिनट पर.
इस दिन शिववास योग का भी निर्माण
पूजा विधि (Puja Vidhi)
विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह अपने घर और कारखाने में लगे मशीन-वाहन की धुलाई करें. नहाने के पश्चात भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. इसके बाद भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करते हुए मशीनों और वाहनों की पूजा कर सकते हैं.
पंचांग
सूर्योदय: सुबह 06 बजकर 07 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 06 बजकर 25 मिनट पर
चन्द्रोदय: शाम 05 बजकर 27 मिनट पर
चंद्रास्त: सुबह 04 बजकर 57 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 33 मिनट से 05 बजकर 20 मिनट तक
विजय मुहूर्त:दोपहर 02 बजकर 19 मिनट से 03 बजकर 08 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 06 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 48 मिनट तक
निशिता मुहूर्त: रात्रि 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक
विश्वकर्मा पूजा का महत्व
विश्वकर्मा पूजा के दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है और यह एक ऐसे भगवान हैं जिन्हें दुनिया का पहला इंजीनियर कहा जाता है. इस दिन भगवान विश्वकर्मा का पूजन किया जाता है. विश्वकर्मा पूजा प्रथम वास्तुकार, शिल्पकार और इंजीनियर माना गया है. ऐसे में इस दिन लोग अपने कारखानों में लगे औजारों-मशीनों की पूजा करते हैं. इस दिन वाहनों की भी पूजा की जाती है.मान्यता है कि जो लोग विश्वकर्मा पूजा के दिन विधि विधान से पूजा करते हैं पूरे वर्ष उनके वाहन, मशीनें कभी खराब नहीं होते हैं.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं,वास्तुशास्त्र पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.
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