Guruwar Ke Upay: गुरुवार को करें इस स्तोत्र का पाठ, मिलेगी अपार सफलता और सुख-समृद्धि
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Guruwar Ke Upay: गुरुवार को करें इस स्तोत्र का पाठ, मिलेगी अपार सफलता और सुख-समृद्धि

नवंबर माह का अंतिम दिन गुरुवार को पड़ रहा है. यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है. आइये जानते हैं आज के दिन श्रीहरि को कैसे प्रसन्न कर सकते हैं...

Dashavtar Stotram: Pralay Payodhi Jale

Guruwar Upay: आज मार्गशीष (अगहन) मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है. आज दिन गुरुवार है. इसे बृहस्पतिवार भी कहा जाता है. यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है.  इस दिन श्री जगदीश की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है. लोग बृहस्पतिवार का व्रत रखते हैं. मान्यता है कि इस दिन आज के दिन श्रीहरि की सच्चे मन से उपासना करने से भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. भगवान विष्णु की कृपा से सब मंगल होता है. मान्यतानुसार बृहस्पतिवार को श्री दशावतार स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए. इससे जगत के पालनहार प्रसन्न होते हैं. 

श्री दशावतार स्तोत्र: प्रलय पयोधि-जले (Dashavtar Stotram: Pralay Payodhi Jale)
प्रलयपयोधिजले धृतवानसि वेदम ।
विहितवहित्रचरित्रम खेदम ।
केशव धृतमीनशरीर जय जगदीश हरे ॥1॥

क्षितिरतिविपुलतरे तव तिष्ठति पृष्ठे ।
धरणिधरणकिणचक्रगरिष्ठे ।
केशव धृतकच्छपरुप जय जगदीश हरे ॥2॥

वसति दशनशिखरे धरणी तव लग्ना ।
शशिनि कलंकलेव निमग्ना ।
केशव धृतसूकररूप जय जगदीश हरे ॥3॥

तव करकमलवरे नखमद्भुतश्रृंगम ।
दलितहिरण्यकशिपुतनुभृगंम ।
केशव धृतनरहरिरूप जय जगदीश हरे ॥4॥

छलयसि विक्रमणे बलिमद्भुतवामन ।
पदनखनीरजनितजनपावन ।
केशव धृतवामनरुप जय जगदीश हरे ॥5॥

क्षत्रिययरुधिरमये जगदपगतपापम ।
सनपयसि पयसि शमितभवतापम ।
केशव धृतभृगुपतिरूप जय जगदीश हरे ॥6॥

वितरसि दिक्षु रणे दिक्पतिकमनीयम ।
दशमुखमौलिबलिं रमणीयम ।
केशव धृतरघुपतिवेष जय जगदीश हरे ॥7॥

वहसि वपुषे विशदे वसनं जलदाभम ।
हलहतिभीतिमिलितयमुनाभम ।
केशव धृतहलधररूप जय जगदीश हरे ॥8॥

निन्दसि यज्ञविधेरहह श्रुतिजातम ।
सदयहृदयदर्शितपशुघातम ।
केशव धृतबुद्धशरीर जय जगदीश हरे ॥9॥

म्लेच्छनिवहनिधने कलयसि करवालम ।
धूमकेतुमिव किमपि करालम ।
केशव धृतकल्किशरीर जय जगदीश हरे ॥10॥

श्रीजयदेवकवेरिदमुदितमुदारम ।
श्रृणु सुखदं शुभदं भवसारम ।
केशव धृतदशविधरूप जय जगदीश हरे ॥11॥

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