UPPSC Protest in Prayagraj: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग दो दिवसीय परीक्षा और नॉर्मलाइजेशन के फैसले को लेकर विवादों में है. प्रतियोगी छात्र लोक सेवा आयोग से अपने फैसले को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. यह पहली बार नहीं है जब आयोग के बाहर छात्र जुटे हैं. इससे पहले भी छात्रों का जमावड़ा लगता रहा है.
Trending Photos
UPPSC Protest in Prayagraj: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर पिछले चार दिनों से हजारों छात्रों का जमावड़ा लगा है. प्रतियोगी छात्र पीसीएस 2024 प्रीलिम्स और आरओ/एआरओ 2023 की परीक्षा दो दिन कराए जाने के फैसले के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. 87 साल के हो चुके लोक सेवा आयोग में यह पहली बार नहीं हो रहा है. इससे पहले भी आयोग अपनी कुछ परीक्षाओं के चलते विवादों में रहा है. इतना ही नहीं माना जा रहा है कि 23 साल बाद एक बार फिर से आयोग का सत्र शून्य हो सकता है.
लोक सेवा आयोग की कब हुई स्थापना
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की स्थापना एक अप्रैल 1937 को हुई थी. सर डीएल ड्रेक ब्रोकमैन के रूप में आयोग को पहला अध्यक्ष मिला. उन्होंने तीन अप्रैल 1937 को इलाहाबाद में कार्यभार संभाला और एक अप्रैल 1942 तक पद पर रहे. शुरुआत में आयोग में एक अध्यक्ष और दो सदस्य थे. आयोग के पहले सचिव रायसाहब महेशानंद घिल्डियाल थे. वह 24 जून 1937 से 25 अप्रैल 1942 तक अपने पद पर रहे.
यूपीपीएससी के ये पांच बड़े विवाद
PCS 2024 की परीक्षा बार-बार टली
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने साल के शुरुआत में जनवरी महीने में उत्तर प्रदेश सिविल सर्विसेज का नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसकी परीक्षा मार्च में होनी थी. इसके बाद इस परीक्षा को आयोग ने अक्टूबर महीने तक टाल दिया. पीसीएस 2024 की प्रारंभिक परीक्षा 27 अक्टूबर 2024 को होती कि इससे पहले एक बार फिर आयोग ने एग्जाम डेट आगे बढ़ा दी. इतना ही नहीं आयोग ने परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाते हुए एक और नोटिस जारी कर दी. इसी के बाद विवाद बढ़ गया. अब आयोग पीसीएस 2024 की प्रारंभिक परीक्षा और आरओ 2023 की परीक्षा दो पालियों में करने का निर्णय ले लिया. अभ्यर्थी आयोग के इसी फैसले का विरोध कर रहे हैं. लोक सेवा आयोग के बाहर छात्र अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं.
RO ARO का पेपर लीक और निरस्त हो गई परीक्षा
इसके बाद लोक सेवा आयोग की एक और परीक्षा आरओ/एआरओ की परीक्षा 11 फरबरी को आयोजित की गई. पेपर लीक होने के चलते आरओर एआरओ की परीक्षा भी विवादों में आ गई. पेपर लीक के बाद छात्रों के आंदोलन के चलते आयोग को परीक्षा रद्द करनी पड़ी. आयोग ने दोबारा परीक्षा के लिए अक्टूबर महीने में तारीख तय की. इसके बाद अचानक आयोग ने इस परीक्षा को दिसंबर महीने में कराने का फैसला कर लिया. आयोग ने इस परीक्षा को दो दिन कराने का निर्णय ले लिया. अभ्यर्थी इस परीक्षा का टालने और दो दिन कराने के फैसले का विरोध कर रहे हैं.
एलटी ग्रेड का पेपर लीक हुआ
इससे पहले साल 2019 में आयोग ने एलटी ग्रेड भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने को लेकर विवादों में आ गया था. पेपर लीक होने के चलते एलटी ग्रेड की भर्ती दो साल तक पिछड़ गई थी. इससे अभ्यर्थियों के दो साल बर्बाद हो गए थे. इसमें मुख्य आरोपी पूर्व परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार को बनाया गया. इस परीक्षा को लेकर भी छात्रों ने आंदोलन किया. इसके बाद परीक्षा टाल दी गई थी.
पहली बार कब विवादों में आया
आयोग सबसे पहले साल 2015 में पीसीएस का पेपर लीक होने के चलते विवादों में आया था. इस प्रकरण में तत्कालीन अध्यक्ष अनिल यादव का नाम सामने आया था. इस प्रकरण में उन्होंने सेंटर से पेपर लीक की बात कहकर बच निकले थे. इसके बाद समीक्षा अधिकारी 2016 की परीक्षा में साक्ष्य सहित जब अभ्यर्थियों ने आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष अनिल यादव को घेरा तो आरोपों को दरकिनार कर दिया.
पीसीएस जे की मुख्य परीक्षा की कॉपियों में अदला-बदली
पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा में भी पेपर बांटने में गड़बड़ी सामने आई थी. वहीं, उत्तर प्रदेश पीसीएस जे 2022 की मुख्य परीक्षा में कॉपियों की अदला-बदली कर रिजल्ट घोषित करने का मामला भी सामने आया था. बाद में इस मामले में आयोग ने 5 नए अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया था.
उत्तर प्रदेश की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें UP News और पाएं Prayagraj News in Hindi हर पल की जानकारी । उत्तर प्रदेश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!
यह भी पढ़ें : प्रयागराज में चौथे दिन भी छात्रों का प्रदर्शन जारी, अखिलेश बोले- इलाहाबाद के जुझारू आंदोलनकारी...
यह भी पढ़ें : कौन हैं डीएम रविंद्र कुमार, प्रयागराज के आंदोलित छात्रों को मना रहे, मां के कहने पर क्रिकेटर की राह छोड़ बने कलेक्टर