UPPSC Examinaton: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है है कि चयन और भर्ती प्रक्रिया के नियम बीच में नहीं बदले जा सकते. मौजूदा मामले में पहले तो आयोग ने भर्ती अधिसूचना के तहत 11 फरवरी को आरओ/एआरओ-2023 (प्री) परीक्षा का आयोजन एक दिन में किया. इसके बाद पेपर लीक हुआ तो परीक्षा 22-23 दिसंबर को पुनर्परीक्षा दो दिन में कराने का फैसला हुआ.
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UPPSC: उत्तर प्रदेश में आरओ/एआरओ-2023 (प्री) परीक्षा को लेकर इन दिनों छात्र गुस्से में हैं. छात्र चाहते हैं कि परीक्षा से नार्मलाइजेसन खत्म किया जाए और एक दिन में ही परीक्षा कराई जाए. छात्रों का कहना है कि अगर दो दिवसीय परीक्षा का फैसला वापिस नहीं लिया जाता है तो अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा. अब इस मामले में प्रतियोगी छात्रों को बार काउंसिल ऑफ यूपी का समर्थन मिला है.
बार काउंसिल ऑफ यूपी ने पत्र जारी कर छात्रों के आंदोलन को समर्थन दिया है. विदित हो कि 11 नवंबर से प्रतियोगी छात्रों ने आंदोलन की चेतावनी दी है. मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन कर रहा है. सूत्रों का कहना है कि केंद्र न मिलने के चलते दो दिवसीय परीक्षा आयोजित करने की सोची गई थी. आगे क्या करना है इस पर चिंतन हो रहा है.
आपको बता दें कि छात्रों का गुस्सा इसलिए भी फूट रहा है क्योंकि आयोग द्वारा पेपर-1 और पेपर-2 को समाहित किया जा रहा है. भर्ती प्रक्रिया के बीच में ही परीक्षा का पुराना पैटर्न बदलकर नार्मलाइजेशन करने का आयोग ने फैसला लिया है. जिससे कि छात्र गुस्सा हैं. वहीं एक दिन में होने वाली पीसीएस प्री परीक्षा दो दिनों सात और आठ दिसंबर को कराई जा रही है जो कि छात्र नहीं चाहते.