UP Nikaay Chunav 2022: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. चुनाव में भले ही अभी दो महीने का समय बाकी हो लेकिन नेता अभी से टिकट की जुगत भिड़ाने में जुट गए हैं.
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मनीष कुमार गुप्ता/आगरा:निकाय चुनाव को लेकर भले ही अभी दो महीने बचे हों, मगर भाजपा के भीतर अभी से ही घमासान शुरू हो गया है. पार्षदी से लेकर मेयर पद के दावेदार अपनी अपनी जुगत बैठाने में लग गए हैं. यही वजह है कि स्थानीय स्तर के नेताओं से लेकर प्रदेश स्तर तक के नेताओं से गुहार-मनुहार की जा रही है.
दीपावली बनी बहाना
ताजनगरी आगरा के निकाय चुनाव की बात की जाए तो आगरा नगर निगम में भाजपा का कब्जा है. वर्तमान में पार्षदों से लेकर मेयर तक केसरिया रंग ही है. नवंबर महीने के बाद कभी भी निकाय चुनाव में कई घोषणा हो सकती है. ऐसे में में दावेदारी जता रहे दावेदार भी सक्रिय हो गए हैं. कुछ ऐसे हैं जो दिल्ली के सम्पर्क में हैं तो कुछ दावेदार लखनऊ से रास्ता तलाश रहे हैं. हालांकि दीपावली का मौका उनके लिए मुफीद साबित हो रहा है. दीपावली की मिठाई के बहाने से ही अपने अपने राजनीतिक आकाओं से टिकट रूपी आशीर्वाद लेने में लगे हैं.
लंबी है दावेदारों की लिस्ट
वर्तमान में आगरा से भाजपा के मेयर नवीन जैन हैं. नवीन जैन अपने कार्यकाल के दौरान कराए गए विकास कार्यों की बदौलत खुद को एक बार फिर से रिपीट होने का भरोसा जता रहे हैं. शहर को स्वच्छ बनाने, हरियाली विकसित करने के साथ ही तमाम नागरिक सुविधाओं को आगरा में डेवलप किया गया. ऐसे में नवीन जैन अपनी दावेदारी को प्रबल मानकर चल रहे हैं. इनके अलावा भाजपा से ही मेयर पद की टिकट मांगने वालों की फेहरिस्त काफी लंबी है. इनमें प्रमुख से भाजपा नेता प्रमोद गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता एडवोकेट समेत कई अन्य भाजपा नेता अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं. इनके अलावा जूता उद्यमी पूरन डाबर, जूता उद्यमी रेणुका डंग, डॉ बीना लवानियां, बबिता चौहान के नाम के साथ ही एक लंबी लिस्ट है. ये लोग अपने अपने स्तर से नेताओं के संपर्क में हैं.
आरक्षण ने फंसाया है पेच
ताजनगरी आगरा के राजनीतिक गलियारों में इस बार मेयर पद आरक्षण ने पेच फंसा दिया है. इस बार सामान्य सीट बदल कर महिला सामान्य या फिर पुरुष ओबीसी होने के कयास लगाए जा रहे हैं. दावेदारों का कहना है कि आरक्षण की स्थिति साफ हो जाने पर दावेदारों का असमंजस भी दूर हो जाएगा.
अन्य दलों में भी जोर आजमाइश
मेयर पद पर अभी तक भाजपा का ही बोल बाला रहा है. पिछले तीन चुनाव पहले तक बसपा दूसरे नंबर पर रही है. इस बार कांग्रेस पार्टी से कांग्रेस नेता सुमित विभव, भारत भूषण गप्पी, विनोद अग्रवाल समेत कई अन्य दावेदार हैं. समाजवादी पार्टी में भी कई नेता लंबे अरसे से दावेदारी ठोक रहे हैं .इनमें सपा नेता राहुल चतुर्वेदी, विनय अग्रवाल औऱ प्रिंस कुरैशी समेत कई नाम शामिल है. हालांकि बसपा का सीन थोड़ा अलग है, बसपा में नाम पहले नहीं चलता है, बसपा ऐन मौके पर अपने पत्ते खोलती आई है. कमोवेश हर राजनीतिक दल की निगाहें आरक्षण पर टिकी हुई हैं.