बीजेपी ने कुंदरकी से लिया अयोध्या की हार का बदला, हिन्दुत्व के गढ़ में हारी भाजपा ने मुस्लिमों के गढ़ में सपा को धूल चटाई
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बीजेपी ने कुंदरकी से लिया अयोध्या की हार का बदला, हिन्दुत्व के गढ़ में हारी भाजपा ने मुस्लिमों के गढ़ में सपा को धूल चटाई

Kundarki By Election Results News in Hindi: उत्तर प्रदेश में कुंदरकी विधानसभा सीट पर जीत हासिल कर भाजपा ने अयोध्या लोकसभा चुनाव में हार का बदला लिया है. साथ ही समाजवादी पार्टी को मुस्लिम-यादव समीकरण पर भी बड़ा संदेश भी दिया है...

yogi vs akhilesh

UP By Election Results News in Hindi: उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव के जब जून में चुनाव परिणाम आए और भाजपा की करारी हार हुई तो सबसे ज्यादा चर्चा अयोध्या लोकसभा सीट पर बीजेपी की हार पर हुई. राम मंदिर निर्माण के भव्य समारोह के कुछ महीनों बाद अयोध्या में भारी मतों से हुई हार बीजेपी के दिलोदिमाग पर चोट करने वाली थी. अखिलेश-राहुल से लेकर विपक्ष के हर छोटे बड़े नेता ने लोकसभा की पहली ही बैठक में अयोध्या में दलित नेता अवधेश प्रसाद की जीत के सहारे भाजपा के हिन्दुत्व मॉडल को देश भर में ढहा देने की हुंकार भरी. बीजेपी को शून्य से शिखर तक पहुंचाने में जिस राम मंदिर आंदोलन की अहम भूमिका थी, उसी अयोध्या में करारी हार से बीजेपी नेतृत्व पर सवाल खड़े होने लगे थे, लेकिन हिन्दुत्व के सबसे प्रखर चेहरे के तौर पर उभरे योगी आदित्यनाथ ने सपा से अयोध्या का बदला मुस्लिम बहुल कुंदरकी से ले लिया.

सपा जहां अयोध्या के मिल्कीपुर दौरे पर बार-बार जाने को लेकर योगी पर सवाल उठा रही थी, वहीं बीजेपी की अंदरूनी रणनीति सपा के मजबूत किले को ही ध्वस्त करने की थी. सपा नेताओं का यहां तक दावा था कि कुंदरकी में तो जिसके गले में भी पट्टा डाला जाएगा, वो सपा से जीत जाएगा. यही आत्मविश्वास उसे ले डूबा. बीजेपी प्रत्याशी ने वहां जालीदार टोपी भी पहनी और मस्जिद भी घूमे. 

वो कुंदरकी विधानसभा सीट, जहां 65 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं, जहां सपा की जीत पर किसी को भी शक नहीं था. वहां 11 मुस्लिम प्रत्याशियों में भाजपा उम्मीदवार अकेला हिन्दू था. कुंदरकी के चार लाख वोटों में करीब ढाई लाख मुस्लिम वोट था. वहां बीजेपी प्रत्याशी रामवीर सिंह की करीब 1 लाख 43 हजार वोटों से जीत सपा के मुस्लिम-यादव के साथ PDA के समीकरण को सुनामी की तरह बहा ले गई. कुंदरकी की कसक लंबे समय तक समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के दिल में रहेगी. यहां बीजेपी प्रत्याशी को 1 लाख 68 हजार से ज्यादा वोट मिले, जबकि सपा प्रत्याशी 30 हजार वोटों पर ही सिमट गया.

मुस्लिम बहुल रामपुर, आजमगढ़ में पिछली जीतों के बाद कुंदरकी में परचम लहराकर बीजेपी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वो सिर्फ हिन्दुत्व वोटों के ध्रुवीकरण के भरोसे नहीं है, मुस्लिम यादव बाहुल्य सीटों के सपा का किला होने का मिथक भी टूट सकता है. 80 हजार मुस्लिम वोटों वाली सीसामऊ विधानसभा सीट भी सपा महज 8 हजार वोटों से जीत पाई. अगर इरफान सोलंकी को लेकर यहां सहानुभूति वोटरों में नहीं होती तो वहां भी पासा पलट सकता था.   

एक और चाणक्य
कुंदरकी सीट पर भाजपा के जिस नए प्रयोग ने भाजपा को जीत दिलाई, उसमें एक और चुनावी चाणक्य की भूमिका है. मुस्लिम बाहुल्य सीट पर जीत के लिए मुस्लिम राजपूत नेता के तौर पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली को जिम्मेदारी दी गई थी. कुंदरकी सीट पर मंच से खुदा की कसम खाने की योजना हो या गोत्र याद दिलाने की कहानी, इन सबकी स्क्रिप्ट में उनकी अहम भूमिका रही.

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