Rakshabandhan 2024: क्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट बंधन का प्रतीक माना जाता है. हर साल धूमधाम से बहनें अपने भाई की कलाइयों पर राखी बांधती हैं. बीते साल झांसी में दो बहनों ने सीएम योगी की कलाई पर राखी बांधी थी.
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Rakshabandhan 2024: रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट बंधन का प्रतीक माना जाता है. हर साल धूमधाम से बहनें अपने भाई की कलाइयों पर राखी बांधती हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने हर साल की तरह इस बार भी प्रदेश की बहनों को रक्षाबंधन पर बसों में मुफ्त सफर की सौगात दी है. बीते साल झांसी में दो लड़कियों ने सीएम योगी की कलाई पर राखी बांधी थी. लेकिन बहुत कम ही लोगों को पता है कि सीएम योगी आदित्यनाथ की तीन बहनें हैं.
योगी आदित्यनाथ का जन्म उत्तराखंड के एक परिवार में पांच जून 1972 को पौड़ी गढ़वाल के पंचुर गांव में हुआ था. उनके पिता एक फॉरेस्ट रेंजर थे, जिनका नाम आनंद सिंह बिष्ट था. वहीं, माता का नाम सावित्री देवी है,जो एक गृहिणी हैं. सीएम योगी सात भाई-बहन हैं जिनमें तीन बहनें है और चार भाई हैं. सीएम योगी पांचवें नंबर पर आते हैं. योगी की तीन बहन हैं. इनमें से एक का नाम शशि पयाल है. वह पौड़ी गढ़वाल में माता भुवनेश्वरी देवी मंदिर के करीब ही एक दुकान चलाती हैं. यह दुकान चाय-नाश्ते की है.
योगी के बड़े भाई हैं मानवेंद्र मोहन जो एक कॉलेज में कार्यरत हैं. मानवेंद्र के बाद सीएम योगी हैं और फिर दो छोटे हैं शैलेंद्र मोहन और महेंद्र मोहन. इनमें से शैलेंद्र सेना में भारत-चीन बॉर्डर पर सूबेदार पद पर तैनात हैं. महेंद्र एक स्कूल में कार्यरत हैं. सूबेदार शैलेंद्र से जब एक बार पूछा गया कि अपने बड़े भाई से क्या उन्हें मिलने का समय होता है? इस पर जवाब मिला कि 'एक बार दिल्ली में मैं उनसे मिला, तब वो मुख्यमंत्री चुके थे. शैलेंद्र ने ये भी कहा था कि 'महाराज जी यानी सीएम योगी ने मुझसे कहा कि देश की सेवा अपनी क्षमता के हिसाब करनी चाहिए. बकौल शैलेंद्र घर में सीएम योगी को महाराज जी कहा जाता है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक जब सीएम योगी की बहन शशि से सवाल किया गया कि उनके भाई देश के बड़े नेता हैं तो आप लोग इस हालत में क्यों रहते हैं. इस पर उन्होंने कहा कि "देश की हर पार्टी के नेताओं के परिवार के सदस्य राजनीति में आ जाते हैं, हमारे यहां ऐसा नहीं है. हम भी ऐसा करेंगे तो यह परिवारवाद हो जाएगा. हम ऐसा नहीं चाहते. भाई (योगी आदित्यनाथ) का भी यही मानना है कि मेहनत करो, अपना कमाओ और खाओ." सीएम योगी ने संन्यास धारण कर लिया था, वह नाथ संप्रदाय की पीठ गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर के पद पर भी आसीन हैं. इसी वजह से सीएम योगी ने अपने मूल परिवार का त्याग कर दिया.
झांसी की 'बहनों' से बंधवाई राखी
बीते साल 2023 में सीएम योगी आदित्यनाथ रक्षाबंधन पर झांसी दौरे पर थे. जहां परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के बीच में सीएम योगी को दो बेटियों ने राखी बांधकर लंबी आयु की कामना की थी. मुख्यमंत्री ने दोनों को नकद धनराशि देकर आशीर्वाद दिया था. दोनों सीएम योगी आदित्यनाथ को राखी बांधकर बेहद खुश नजर आईं.
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