UP News : यूपी में तीन करोड़ 42 लाख 72484 लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं. नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा किया है. जिन जिलों में सबसे ज्यादा सुधार हुआ है, उनमें अधिकतर पूर्वांचल के जिले शामिल हैं.
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UP News : यूपी में पिछले सालों की तुलना में गरीबी कम हुई है. शहरों की तुलना में ग्रामीण इलाके में रहने वाली आबादी के जीवन स्तर में तेजी से सुधार हुआ है. शहरों के मुकाबले ग्रामीणों में गरीबों की आबादी में 18 फीसदी गिरावट आई है. यही नहीं पूर्वांचल के जिलों में लोगों का जीवन स्तर काफी सुधरा है. यानी यहां गरीबी कम हुई है. यह दावे हम नहीं नीति आयोग की ओर से किए गए हैं.
पूर्वांचल में ज्यादा कमी
नीति आयोग ने साल 2015-16 से साल 2019-21 की तुलनात्मक अध्ययन किया है. नीति आयोग के आंकड़ों पर नजर डालें तो देखने को मिलेगा कि पूर्वांचल के जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, शौचालय आदि की सुविधाएं तेजी से मिली हैं. इतना ही नहीं पूर्वांचल के महाराजगंज, गाजीपुर, कुशीनगर, बस्ती, जौनपुर, अयोध्या, सिद्धार्थनगर, बलिया, सोनभद्र, मऊ, वाराणसी, गोरखपुर, श्रावस्ती आदि शहरों में गरीबी रेखा से बाहर आने वाले या साफ शब्दों में कहे तो यह जीवनस्तर में सुधार होने का आंकड़ा 11 से 29 फीसदी के बीच है.
किन जिलों में कितने फीसदी गरीबी रेखा से बाहर आए
नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराजगंज में 29.64 फीसदी, गोंडा में 29.55 फीसदी, बलरामपुर में 27.90 फीसदी, श्रावस्ती में 24.72, जौनपुर में 24.65 फीसदी, बस्ती में 23.36 फीसदी, गाजीपुर में 22.83 फीसदी, कुशीनगर में 22.28 फीसदी लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं.
साल 2019-21 में गरीबी से इतने लोग बाहन निकले
नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी में 2015-16 और 2019-21 के बीच 3,42,72,484 लोग गरीबी से बाहर निकले हैं. ऐसे में प्रदेश में गरीबी में रहने वाले लोगों का अनुपात 2015-16 में 37.68% से घटकर 2019-21 में 22.93% हो गया है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी का अनुपात 2015-16 में 44.29% से घटकर 2019-21 में 26.35% हो गया.
ये हैं सबसे ज्यादा कमी लाने वाले जिले
जिले का नाम फीसदी
महाराजगंज 29.64
गोंडा 29.55
बलरामपुर 27.90
कौशाम्बी 25.75
खीरी 25.33
श्रावस्ती 24.42
जौनपुर 26.65
बस्ती 23.36
गाजीपुर 22.83
कुशीनगर 22.28
चित्रकूट 21.40
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