Subrata Roy: स्कूटर पर नमकीन बेचने वाला कैसे हजारों करोड़ के विवादों में घिरा, जानें सुब्रत रॉय सहारा की कहानी
Advertisement

Subrata Roy: स्कूटर पर नमकीन बेचने वाला कैसे हजारों करोड़ के विवादों में घिरा, जानें सुब्रत रॉय सहारा की कहानी

Subrata Roy: बीती मंगलवार की रात सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत राय का निधन मुंबई के एर निजी अस्पताल में हो गया. पर क्या आप जानते है कि जो सहारा समूह कभी टॉप पर हुआ करता था, उसका पतन कैसे हुआ और उसकी इस हलात का कारण और जिम्मेदार कौन है. 

 

story of Subrata roy

Subrata Roy: करीब एक दशक पहले जब देश के हर कोने में चारों तरफ सहारा समूह का शोर सुनाई देता था. ये समय था, कि जब देश में रेलवे के बाद अगर कोई सबसे ज्यादा रोदगार देने वाला समूह था, तो वो था सहारा समूह. सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत राय का करीब चार दशक का कारोबारी सफर सफलता की बुलंदियों को छूने वाला साबित हुआ. इसकी गवाही लखनऊ की सहारा सिटी में राजनेताओं, फिल्म कलाकार और क्रिकेटर्स का लगने वाला जमावड़ा देता था. समाजवादी पार्टी के नायक मुलायम सिंह यादव से इनके अटूट संबंध थे. कई भाजपा के नेता और कांग्रेस के कर्ता - धर्ता भी इनके मुरीद थे. उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को कई सालों तक स्पांसर किया. बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन, मशहूर राजनेता अमर सिंह उनके पारिवारिक सदस्यों की तरह थे. फिर आखिर इलने बड़े व्यापार का अंत कैसे हुआ. और कैसे ये सब कुछ सीमित हो गया. 

सहारा ग्रुप के लिए ये रहा घाटे का सौदा
जब सहारा समूह व्यापार में प्रथम स्थान पर चल रहा था. देश में व्यापारिक क्षेत्र में सबसे पहले और सबसे ऊपर सहारा ग्रुप का ही नाम था, तब सहारा समूह का पतन सेबी के साथ हुए विवाद से शुरू हुआ. उस समय एक सहारा समूह ने एयरलाइंस कंपनी भी खोली थी, जिसके बेड़े में कई जहाज थे. हालांकि यह कारोबार सुब्रत राय को रास नहीं आया, जिसके बाद उन्होंने अपने हाथ वापस खींच लिए.  सेबी विवाद के बाद सहारा क्यू शॉप नाम से कंज्यूमर प्रोडक्ट की रिटेल चेन की शुरुआत की, लेकिन यह काम भी जल्द बंद करना पड़ गया. 

24 हजार करोड़ का मामला
सेबी ने सहारा की दो कंपनियों में जमा निवेशकों की रकम को नियम विरुद्ध तरीके से दूसरी कंपनियो में ट्रांसफर करने पर आपत्ति करते हुए करीब 24 हजार करोड़ रुपए जमा कराने का आदेश दिया था. बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए कई महीने तक सुब्रत राय को जेल में रखा. सहारा समूह की संपत्तियों की बिक्री पर रोक लगा दी गयी.

सिर्फ एक चिठ्ठी ने खोल दिया काला चिठ्ठा
कहते हैं कि एक चिट्ठी ने सहारा में चल रही कथित गड़बड़ियों का सारा कच्चा चिट्ठा खोल दिया था. आखिर उस चिट्ठी में क्या था और किसने लिखी थी. वह चिट्ठी? दरअसल 4 जनवरी, 2010 को रोशन लाल नाम के एक व्यक्ति ने नेशनल हाउसिंग बैंक को हिंदी में लिखा एक नोट भेजा. रोशन लाल का दावा था कि वह इंदौर में रहते हैं और पेशे से सीए हैं. इस चिट्ठी में उन्होंने लखनऊ के सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन द्वारा जारी बॉन्ड्स की जांच करने का अनुरोध एनएचबी से किया था. उनका कहना था कि बड़ी संख्या में लोगों ने सहारा ग्रुप की कंपनियों के बॉन्ड खरीदे हैं लेकिन ये नियमों के मुताबिक जारी नहीं किए गए हैं.

अंतिम संस्कार में कई हस्तियां हो सकती शामिल  
दरअसल सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत राय बीते कई महीनों से अस्वस्थ थे. करीब दो माह पूर्व वह इलाज के लिए मुंबई गये थे. मुंबई मे बीती मंगलवार की रात बीमारी से लड़ते- लड़ते वो जीवन की जंग हार गए.  वह अपने पीछे पत्नी स्वप्ना राय और दो बेटों सुशांतो और सीमांतो को छोड़ गए है.  तीनो कई साल से विदेश में हैं. उनका पार्थिव शरीर  आज, 15 नवंबर 2023 को लखनऊ के सहारा स्टेट में लाया जाएगा, जहां उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी. राजनेताओं से लेकर बिजनेसमैन और बॉलीवुड हस्तियों तक सभी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. माना जा रहा है कि अंतिम संस्कार में राजनीतिक और फिल्मी समेत कई हस्तियां शामिल हो सकती हैं.

यह भी पढ़े- Subrata Roy Funeral: आज लखनऊ लाया जाएगा सुब्रत राय का पार्थिव शरीर, सहाराश्री ने ऐसे बनाई बी-टाउन-राजनीति में पहचान!

Trending news