डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने डॉक्टर-कर्मचारियों की हाजिरी में पकड़ा फर्जीवाड़ा, डॉक्टर्स की जगह CMS ने बनाए थे दस्तखत
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डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने डॉक्टर-कर्मचारियों की हाजिरी में पकड़ा फर्जीवाड़ा, डॉक्टर्स की जगह CMS ने बनाए थे दस्तखत

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने फर्रुखाबाद के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के निरीक्षण के दौरान डॉक्टर-कर्मचारियों की हाजिरी में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने डॉक्टर-कर्मचारियों की हाजिरी में पकड़ा फर्जीवाड़ा, डॉक्टर्स की जगह CMS ने बनाए थे दस्तखत

पवन सेंगर/लखनऊ: उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) शनिवार को फर्रुखबाद (Farrukhabad News) पहुंचे थे. यहां उन्होंने डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (Dr. Ram Manohar Lohiya Hospital) के निरीक्षण के दौरान डॉक्टर-कर्मचारियों की हाजिरी में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा. यहां एक डॉक्टर बिना बताए गायब मिला. जबकि इमरजेंसी मेडिकल अफसर (ईएमओ) के हस्ताक्षर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) द्वारा किया गया. एक कलम से बनाए गए हस्ताक्षर को उप मुख्यमंत्री ने पकड़ा लिया. सिग्नेचर में मिली गड़बड़ी को लेकर डिप्टी सीएम ने पूछताछ की. जिसमें अस्पताल के सीएमएस ने खुद ईएमओ की जगह दस्तखत करने की बात स्वीकार की. इस पर डिप्टी सीएम ने कड़ी नाराजगी जाहिर की. 

बिना बताए अस्पताल से गायब मिलीं डॉक्टर
आगरा से करीब ढाई महीने पहले एनस्थीसिया विशेषज्ञ ट्रांसफर फर्रुखाबाद जिला अस्पताल हुआ. इस दौरान डॉक्टर महज 17 दिन ड्यूटी पर आईं बाकी दिन वह अनुपस्थित रहीं. इंस्पेक्शन के दौरान डिप्टी सीएम ने अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजकुमार से एनस्थीसिया एक्सपर्ट से अनुपस्थिति का कारण पूछा. इस पर डॉ. राजकुमार ने बताया कि डॉक्टर को नोटिस जारी कर दी गई है. जवाब संतोषजनक न होने पर उच्च अधिकारियों को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा. 

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डिप्टी सीएम ने दस्तखत में पकड़ी गड़बड़ी
वहीं, उप मुख्यमंत्री ने ईएमओ के हस्ताक्षर पर आपत्ति दर्ज कराई. उन्होंने कहा ऐसे लग रहा है कि हस्ताक्षर एक ही दिन एक ही कलम से बनाए गए हैं. सीएमएम ने बताया कि डॉक्टर रोज ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन हस्ताक्षर बनाने नहीं आते. डॉक्टर्स के कहने पर यह हस्ताक्षर मैंने बनाए हैं. इस बात पर उप मुख्यमंत्री ने इसे बड़ा फर्जीवाड़ा बताया. उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है. इसमें आपकी नौकरी फंस सकती है. यह आईपीसी की धारा 420, 467 व 471 के तहत गलत है. इसके लिए आपको सजा तक मिल सकती है. 

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