UP News: लखनऊ में महिला को ऑनलाइन अरेस्ट कर साइबर ठगों ने 7 दिन में 2 करोड़ ऐंठे, मनी लांड्रिंग का दिखाते रहे डर
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UP News: लखनऊ में महिला को ऑनलाइन अरेस्ट कर साइबर ठगों ने 7 दिन में 2 करोड़ ऐंठे, मनी लांड्रिंग का दिखाते रहे डर

Cyber Fraud in Lucknow: भारत में डिजिटल अरेस्ट या साइबर अरेस्ट के एक सबसे बड़े फ्रॉड का खुलासा हुआ है जिसमें एक डॉक्टर को 7 दिन तक झांसे में रखकर साइबर ठगों ने 2.81 करोड़ रुपये ठग लिए.

Cyber Arrest, Digital Arrest

लखनऊ: भारत में डिजिटल अरेस्ट या साइबर अरेस्ट के सबसे बड़े फ्रॉड का खुलासा हुआ है या यूं कहें कि भारत में डिजिटल अरेस्ट या साइबर अरेस्ट के सबसे बड़े फ्रॉड का शिकार उत्तर प्रदेश के पीजीआई लखनऊ अस्पताल की एक डॉक्टर हुई है. डॉक्टर रुचिका टंडन को 7 दिन तक झांसे में रखकर साइबर ठगों ने करके 2.81 करोड़ रुपये ठगे. कई दिन बाद इंटरनेट पर ऐसे ही ठगी के कई मामले जब डॉक्टर टंडन ने देखे तो पुलिस के पास पहुंचकर इन साइबर क्रिमिनल्स की शिकायत दर्ज करवाई. देश में इस समय डरावना बन चुके मनी लांड्रिंग केस का डर दिखाकर डॉक्टर टंडन को डिजिटल अरेस्ट बताया व ऑनलाइन कोर्ट और मुकदमा भी बाकायदा चलाए गए. इस सप्ताह ही एक रिपोर्ट में जानकारी दी गई कि पिछले चार महीने में डिजिटल अरेस्ट का डर पूरे देश में दिखा दिखाकर साइबर ठगों ने आमजन से 120 करोड़ रुपये तक का फ्रॉड कर लिया. 

मनी लॉन्ड्रिंग केस का दिखाया डर 
डॉक्टर टंडन ने एक समाचार चैनल को बताया कि उन्हें सुबह 8 बजे एक फोन आया कि उनके नंबर पर साइबर सेल से जुड़े लोग परेशान करने वाले मैसेज के कई मामले  दर्ज किए है. इसके बाद उन्होंने कॉल ट्रांसफर किया और जानकारी दी कि जिसको कॉल ट्रांसफर वो एक आईपीएस अफसर हैं फिर बताया कि उनके बैंक खाते पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस किया गया और मुंबई से उनको गिरफ्तार करने का आदेश मिला है. ये राष्ट्रीय सुरक्षा का केस है ऐसे में इसे गोपनीय रखना है और किसी को भी इस बारे में नहीं बताना है. अब आपको डिजिटल कस्टडी में रहना होगा.

डॉक्टर को दिया झांसा
डॉक्टर ने जानकारी दी कि अगले छह-सात दिन तक ऑनलाइन ही कोर्ट में फर्जी केस चलाया. एक नया फोन खरीदवाकर वीडियो कॉल के ऐप डाउनलोड करए फिर वीडियो पर ही निगरानी रखते थे. ठगों ने अलग-अलग बैंक अकाउंट नंबर दिए और कहा कि इन खातों पर पैसे भेजें. जांच में आप निर्दोष पाए जाने पर पैसे लौटाए जाएंगे. डॉक्टर ने जानकारी दी कि सात-आठ दिन बाद उन्होंने जानकारी हालिस कि फिर कुछ न्यूज रिपोर्ट देखे और समझ पायीं कि उनके साथ ठगी हुई है. डॉक्टर को झांसा दे दिया गया था कि गलती से किसी ने आपको केस में फंसाया है. पुलिस और कोर्ट जांच में गलत आए जाने पर सारे पैसे वापस कर दिए जाएंगे.

कई फेक आईडी
डॉक्टर ने आगे इस बारे में बताया कि उन्हें इतने फेक आईडी साइबर ठगों ने दिखाए व सब कुछ ऐसे रीयल करके पेश किया कि उन्हें शक तक नहीं हुआ. पीजीआई थाने पर जाने के बाद जानकारी मिल पाई कि ठगी का यह तरीका तो बहुत ही आम हो चुका है. गोमती नगर साइबर थाना में डॉक्टर ने केस दर्ज कराया औप अब पुलिस जांच की कार्रवाई कर रही है.

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