Moradabad Lok Sabha Seat : रविवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव मुरादाबाद पहुंचे. यहां अखिलेश यादव के मंच पर आने से पहले सपा प्रत्याशी रुचि वीरा ने पुलिस-प्रशासन को खुली चुनौती दे डाली.
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Moradabad Lok Sabha Seat : लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों का चुनाव प्रचार जोर पकड़ लिया है. रविवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव मुरादाबाद पहुंचे. यहां अखिलेश यादव के मंच पर आने से पहले सपा प्रत्याशी रुचि वीरा ने पुलिस-प्रशासन को खुली चुनौती दे डाली. सपा प्रत्याशी रुचि वीरा ने यूपी पुलिस को निशाने पर लेते हुए कहा कि औकात में रहो, भाजपा के एजेंट बनने का काम मत करो दलाल मत बनो. इतना ही नहीं सपा प्रत्याशी ने पुलिस प्रशासन पर जनसभा स्थल से कार्यकर्ताओं को भगाने का आरोप लगाया.
मंच से दहाड़ती रहीं सपा प्रत्याशी
सपा प्रत्याशी रुचि वीरा ने कहा कि मैं अपनी आंखों से देख पा रही हूं बैरिकेटिंग कर बसों को सीमाओं पर रोका गया है. यहां से मेरे सामने पुलिस अधिकारी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के लोगों को हटाने का काम कर रही है, मैं चैलेंज करती हूं अपनी औकात में रहो, तुम हमें रोक नहीं पाओगे. तुम भारतीय जनता पार्टी के एजेंट बनने का काम मत करो, दलाल बनने का काम मत करो. इतना ही नहीं सपा प्रत्याशी रुचि वीरा ने कहा कि तुम्हारे ऊपर लालत है तुम जनता के सेवक हो, तुम्हारी जिम्मेदारी बनती है कि तुम अपनी नौकरी से वफादारी नहीं कर रहे हो, तुम देश के साथ वफादारी नहीं कर रहे हो, तुम सब यहीं डटे रहो अगर यहां से कोई जायेगा तो वो मेरे सीने पर पैर रखकर जाएगा.
कौन हैं रुचि वीरा?
रुचि वीरा समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की करीबी हैं. इतना ही नहीं जेल में बंद आजम खान के कहने पर ही रुचि वीरा ने सपा से पर्चा भरा है. रुचि वीरा मूलरूप से बिजनौर जिले की रहने वाली हैं. रुचि वीरा ने महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया है. राजनीत में शुरुआत रुचि वीरा ने बहुजन समाज पार्टी से की. हालांकि, बसपा में ज्यादा दिनों तक रह नहीं पाईं, पार्टी ने साल 2023 में उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. बसपा से निकाली जाने के बाद रुचि वीरा ने समाजवादी पार्टी के साथ आ गईं.
राजनीतिक करियर
साल 2014 में बिजनौर सीट से विधायक कुंवर भारतेंद्र सिंह लोकसभा चुनाव लड़े, उनके संसद जाने के बाद यह सीट खाली हो गई. उपचुनाव में बिजनौर विधासभा सीट से रुचि वीरा ने पर्चा भरा और जीत कर विधायक बनीं. फिर वह 2017 तक विधायक बनी रहीं. इसके बाद पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उन्हें सपा ने बाहर कर दिया. 2022 से एक बार फिर बसपा ने बिजनौर से रुचि वीरा को प्रत्याशी बनाया. हालांकि, इस चुनाव में रुचि वीरा को हार का सामना करना पड़ा.
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