सहारनपुर रैली से पीएम कैसे पलटेंगे बाजी, 42 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले शहर में सपा-बसपा के तगड़े प्रत्याशी
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सहारनपुर रैली से पीएम कैसे पलटेंगे बाजी, 42 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले शहर में सपा-बसपा के तगड़े प्रत्याशी

PM Modi Election Rally in Saharanpur:  उत्तर प्रदेश का सहारनपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भारत की चुनावी राजनीति में अपने महत्वपूर्ण स्थान रखता है.  2019 के आम चुनावों में, यहां बहुत मजेदार चुनावी मुकाबला देखने को मिला था. आइए जानते हैं इस बार किनके बीच में कड़ा मुकाबला रहेगा. 

UP Loksabha Chunav 2024

Saharanpur Lok Sabha Seat 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव के लिए आज यूपी से राजस्थान तक धुआंधार रैलियां है. पीएम मोदी आज मेरठ के बाद सहारनपुर से चुनावी शंखनाद करने जा रहे हैं. पीएम मोदी पश्चिमी यूपी से ही पूरे देश में सियासी पारा गरमाएंगे. पीएम की रैली में सीएम योगी और आरएलडी चीफ जयंत चौधरी भी मौजूद रहेंगे. सहारनपुर लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में है. आइए जानते हैं कि कौन सी पार्टी ने किस उम्मीदवार पर भरोसा जताते हुए टिकट दी है. इसके अलावा जानते हैं  जातीय समीकरण और सीट के इतिहास के बारे में.

लकड़ी पर हाथ से नक्काशी के लिए मशहूर इस लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय का आबादी करीब 42 प्रतिशत है. इस सीट पर सबसे ज्यादा 6 बार कांग्रेस जीती है. बीजेपी और बीएसपी ने 3-3 बार जीत का स्वाद चख चुकी है. आइए जानते हैं इस सीट के जातीय समीकरण और इतिहास के बारे में बताते हैं.

किस पार्टी ने किसको चुनावी मैदान में उतारा
बीजेपी-राघव लखनपाल
सहारनपुर लोकसभा सीट बीजेपी ने एक बार फिर राघव लखनपाल को टिकट दिया है. लखनपाल पिछला चुनाव बीएसपी उम्मीदवार से हार गए थे. साल 2014 में राघव पहली बार जीतकर संसद पहुंचे थे. 2014 में उन्होंने कांग्रेस के इमरान मसूद को हराया था. हालांकि 2019 में बसपा के कैंडीडेट  से हार गए थे. राघव तीन बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं. राघव बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे. 

बसपा-माजिद अली
लोकसभा सीट सहारनपुर से माजिद अली बसपा के उम्मीदवार हैं.
बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने इस बार माजिद अली को उम्मीदवार बनाया है. माजिद अळी की करीब तीन महीने पहले ही बसपा में वापसी हुई है. माजिद अली की पत्नी तसमीम बानों 2016 में बसपा से सहारनपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं. माजिद वर्तमान में खुद जिला पंचायत सदस्य हैं. सितंबर 2021 में माजिद चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी में शामिल हो गए थे. माजिद 2017 देवबंद में विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं, 

कांग्रेस-इमरान मसूद
कांग्रेस ने इस सीट से इमरान मसूद को मैदान में उतारा है.  इमरान इंडिया गठबंधन कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ेंगे. इमरान मसूद का परिवार सियासी रहा है. वह गंगोह के रहने वाले हैं. इमरान मसूद 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव सहारनपुर सीट से ही लड़ा था. दोनों बार हारे थे. इमरान ने पहली बार 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन वह बीजेपी के राघव लखनपाल से हारे. 2019 में इमरान मसूद फिर कांग्रेस से लड़े, लेकिन बसपा के हाजी फजर्लुरहमान से हार गए.  2006 में सहारनपुर नगर पालिका के चेयरमैन, 2007 में मुजफ्फराबाद विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक जीते.  2012 के विधानसभा चुनाव में नकुड़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और हारे. 2017 में कांग्रेस में चले गए और 2022 में सपा में चले गए.  टिकट नहीं मिला तो बसपा में चले गए.  छह महीने पहले बहुजन समाज पार्टी स से निष्कासित होने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए और अब लोकसभा कैंडिडेट बन गए. 

2019 आम चुनाव में बसपा की जीत
साल 2019 आम चुनाव में बीएसपी ने हाजी फजलुर रहमान को उम्मीदवार बनाया था. हाजी रहमान ने बीजेपी के राघव लखनपाल को 22417 वोटों से हराया था. हाजी रहमान को 5 लाख 14 हजार 139 वोट मिले थे, जबकि राघव लखनपाल को 4 लाख 91 हजार 722 वोट हासिल हुए थे. कांग्रेस के इमरान मसूद को 2 लाख 7 हजार 68 वोट मिले थे.

सहारनपुर सीट का सियासी समीकरण
साल 2014 के संसदीय चुनावों में सहारनपुर में बीजेपी के उम्मीदवार राघव लखनपाल ने कांग्रेस के इमरान मसूद को बड़े अंतर से हराया था. इस चुनावी दंगल में सभी प्रमुख दलों की भागीदारी थी. बात करें 2017 के विधानसभा चुनावों में यहां पर राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव देखा गया. इस दौरान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन हुआ था. जिससे सहारनपुर संसदीय सीट के भीतर पांच विधानसभा सीटें उनके बीच विभाजित हो गईं. भाजपा और बसपा के साथ त्रिकोणीय मुकाबले के बावजूद एसपी-कांग्रेस गठबंधन ने 35.3% वोट शेयर के साथ तीन सीटें जीतीं थी जबकि बीजेपी ने दो विधानसभा सीटें जीतीं.

सहारनपुर सीट का इतिहास
सहारनपुर लोकसभा सीट पर साल 1952 आम चुनाव में पहली बार मतदान हुआ. इस चुनाव में अजित प्रसाद जैन और सुंदर लाल सांसद चुने गए. साल 1957 में कांग्रेस के अजित प्रसाद जैन जीते और उसके बाद साल 1962, साल 1967 और साल 1971 में कांग्रेस की ओर से सुंदर लाल सांसद चुने गए.

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