Sultanpur Lok Sabha Election 2024: मेनका कैसे बचा ले गईं सुल्तानपुर का टिकट, बीजेपी ने बेटे को पीलीभीत से किया बाहर
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Sultanpur Lok Sabha Election 2024: मेनका कैसे बचा ले गईं सुल्तानपुर का टिकट, बीजेपी ने बेटे को पीलीभीत से किया बाहर

Sultanpur Lok Sabha Election 2024: मेनका गांधी सुल्तानपुर से अपना टिकट बचाने में कैसे कामयाब रहीं, ये जानने वाली बात है. बीजेपी ने उनके बगावती बेटे को पीलीभीत से उम्मीदवार नहीं बनाया है. 

Maneka Gandhi Varun Gandhi

Sultanpur Lok Sabha Election 2024: बीजेपी ने लगातार तीसरी बार मेनका गांधी पर सुल्तानपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. जबकि बगावती तेवर अपनाकर बीजेपी को कठघरे में खड़ा करने वाले वरुण गांधी का टिकट काट दिया गया है. मेनका गांधी अब तक आठ बार लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं, जबकि दो बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. विवादों से दूर रहकर गंभीर व्यक्तित्व वाली मेनका गांधी ने भाजपा का भरोसा फिर जीता है. जबकि वरुण का टिकट काटकर बीजेपी ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं. अगर मां-बेटे दोनों का ही टिकट काटा जाता तो पीलीभीत और सुल्तानपुर दोनों ही सीटों पर समीकरण गड़बड़ा सकते थे.

जनता दल से भारतीय जनता पार्टी तक
मेनका गांधी ने फिर 1988 में जनता दल का दामन थाम लिया. यहीं से उनकी किस्मत पलटी और 1989 में पीलीभीत संसदीय सीट से वो बड़ी जीत दर्ज कर संसद पहुंचीं. लेकिन 1991 के लोकसभा चुनावों में वो फिर हार गईं. मगर पीलीभीत लोकसभा सीट से जनता दल नेता के तौर पर 1996 में उन्हें कामयाबी मिली. मेनका ने 1998 और 1999 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के समर्थन से पीलीभीत लोकसभा सीट से जीता. आखिरकार वो 2004 में बीजेपी में शामिल हो गईं.मेनका गांधी ने 2004 में पीलीभीत, 2009 में आंवला और 2014 में पीलीभीत और 2019 में सुल्तानपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीता. 

मेनका गांधी दिल्ली से पढ़ी लिखीं
दिल्ली में जन्मीं मेनका गांधी की पढ़ाई लिखाई सेंट लॉरेंस स्कूल और फिर लेडी श्रीराम कॉलेज से हुई.तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी से उनका प्रेम विवाह काफी चर्चा में रहा. हालांकि संजय गांधी की विमान दुर्घटना में मौत के बाद ही मेनका गांधी सक्रिय राजनीति में आईं. लेकिन 1984 में इंदिरा गांधी की राजनीतिक विरासत संभालने को लेकर परिवार में ठन गई.अमेठी से सांसद रहे संजय गांधी की जगह जब कांग्रेस से राजीव गांधी उतरे तो मेनका गांधी ने वहां से निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना उन्हें करना पड़ा.

पशु अधिकार क्षेत्र में काम करने वालीं
पर्यावरण और पशु कल्याण के क्षेत्र में उनका काम देश ही नहीं दुनिया भर में लोकप्रिय है. सुल्तानपुर और पीलीभीत में विकास कार्यों को लेकर उनकी क्षेत्र में अच्छी खासी पकड़ है. जनता उन्हें मां कहकर बुलाती है. वो पीपल फॉर एनीमल्स नाम का गैर सरकारी संगठन चलाती है. हाल ही में उनके संगठन द्वारा बिग बॉस विनर के खिलाफ सांपों के जहर का इस्तेमाल पार्टी में करने की शिकायत दर्ज कराई गई है. इसमें एल्विश की गिरफ्तारी हुई और फिलहाल वो जमानत पर हैं.

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