Mahakumbh Morari Bapu Camp: महाकुंभ में अमृत स्नान के लिए देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु साधु-संत संगम पहुंचे हैं. पौष पूर्णिमा स्नान के साथ इसका आगाज हो गया है, जानते हैं कि यहां प्रख्यात कथावाचक मोरारी बापू का शिविर कहां लगा है.
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Mahakumbh 2025: मकर संक्रांति पर महाकुंभ में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है. ब्रह्म मुहूर्त में ही लोगों ने पतित पावनी गंगा और संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाई. महाकुंभ में कई बड़े साधु-संत पहुंचे हैं. अमृत स्नान के लिए देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु संगम पहुंचे हैं. कथावाचर मोरार जी बापू का शिविर भी महाकुंभ में लगा है.
कहां लगा मोरार जी बापू का शिविर?
प्रख्यात कथावाचकमोरार जी बापू का शिविर छतनाग स्थित गंगातट पर विशेष रूप से निर्मित कैलासा कुटीर में है. उनका शिविर आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है. इस भवन में नीचे और ऊपर कुल चार कमरे, दो लॉबी और शौचालय बनाए गए हैं. मोरारी बापू के लिए पहले माले पर एक विशेष कक्ष तैयार किया गया है जहां से गंगा का विहंगम दृश्य दिखाई देता है. बता दें कि 2019 के अर्धकुम्भ में मोरारी बापू गंगा एक्यूप्रेशर संस्थान के पास गंगा में कैलास क्रूज में ठहरे थे.
रामकथा वाचन भी करेंगे मोरारजी बापू
महाकुंभ में मोरारी बापू 18 जनवरी से 26 जनवरी तक नौ दिवसीय रामकथा का वाचन करेंगे. वह 15 जनवरी को प्रयागराज पहुंचेंगे और कैलासा में ठहरेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोरारी बापू जहां भी ठहरते है उसका नाम कैलासा ही होता है.
कौन हैं मोरारी बापू?
मोरारी बापू आध्यात्मिक गुरु और कथावाचक हैं. मोरारी बापू का नाम देश के चर्चित रामकथा वाचक में एक है. सोशल मीडिया पर इनके सुविचार, प्रवचन आदि के वीडियो खूब वायरल होते हैं. मोरारी बापू देश-विदेश में रामकथा का आयोजन करते हैं. मोरारी बापू के कथा सुनाने का अंदाज इतना खास है कि, कथा सुनने हजारों भक्तों व श्रोताओं की भीड़ उमड़ती है. जाने-माने रामकथा वाचक मोरारी बापू मूल रूप से गुजराती हैं. मोरारी बापू का जन्म 25 सितंबर 1946 में देश की आजादी से ठीक एक साल पहले ही हुआ था.
मोरारी बापू का पूरा नाम मोरारिदास प्रभुदास हरियाणी है. उनकी मां का नाम सावित्री बेन और पिता का नाम प्रभुदास बापू हरियाणवी है. मोरारी बापू के छह भाई और दो बहने हैं. सभी भाईयों में मोरारी बापू सबसे छोटे हैं. वह लोगों के बीच मोरारी बापू के नाम से प्रसिद्ध हैं. मोरारी बापू ने महज 14 साल की उम्र में साल 1960 में रामकथा सुनाई थी.मोरारी बापू की कथा में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिजनेसमैन मुकेश अंबानी समेत तमाम बड़ी हस्तियां शामिल हो चुकी हैं.
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