VIDEO: 'गंगा में स्नान से मोक्ष मिल गया', महाकुंभ में डुबकी लगाकर विदेशी श्रद्धालु हुए गदगद, बोले- भारत की संस्कृति महान
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VIDEO: 'गंगा में स्नान से मोक्ष मिल गया', महाकुंभ में डुबकी लगाकर विदेशी श्रद्धालु हुए गदगद, बोले- भारत की संस्कृति महान

Foreign Devotees Mahakumbh Bath Videos: प्रयागराज में आज से शुरू हुए महाकुंभ में देसी श्रद्धालुओं के साथ विदेशी श्रद्धालुओं का सैलाब भी उमड़ पड़ा है. माथे पर तिलक, गले में रुद्राक्ष माला धारण किए विदेशी श्रद्धालुओं के जत्थों ने हर-हर गंगे का जयकारा लगाकर कुंभ में स्नान किया. 

VIDEO: 'गंगा में स्नान से मोक्ष मिल गया', महाकुंभ में डुबकी लगाकर विदेशी श्रद्धालु हुए गदगद, बोले- भारत की संस्कृति महान

Foreign Devotees Sangam Bath Videos: दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम 'महाकुंभ' आज सोमवार को पौष पूर्णिमा के साथ शुरू हो गया है. प्रयागराज में 144 साल बाद लग रहे इस महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में भाग लेने के लिए केवल भारतीय ही नहीं बल्कि विदेश से आए श्रद्धालुओं का रेला भी उमड़ पड़ा. रूस, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, इटली, जर्मनी, अर्जेंटीना समेत कई देशों के श्रद्धालुओं ने हर-हर गंगे का जयघोष करते हुए त्रिवेणी में डुबकी लगाई. इस दौरान उनके चेहरे पर खुशी अलग ही देखते हुए बन रही थी. 

'पहले अमृत स्नान में शामिल होना एक अद्भुत अनुभूति'

ठंड के मौसम में पानी जमने के बावजूद विदेशी श्रद्धालुओं के एक समूह ने त्रिवेणी में डुबकी लगाई. यह गंगा, यमुना और 'रहस्यमय' सरस्वती नदियों का पवित्र संगम है. मोक्ष की तलाश में पहली बार भारत आए ब्राजील के श्रद्धालु फ्रांसिस्को ने कहा कि पहले अमृत स्नान में शामिल होना एक अद्भुत अनुभूति है. उन्होंने बताया कि गंगा का पानी बहुत सर्द था लेकिन डुबकी लगाने के बाद उनका दिल गर्माहट से भर गया. 

फ्रांसिस्को ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा, 'मैं पहली बार भारत आया हूं... मैं योग का अभ्यास करता हूं और मोक्ष की तलाश में हूं. यहां आकर मुझे बहुत अद्भुत लग रहा है. भारत दुनिया का आध्यात्मिक दिल है. नदी का पानी ठंडा है, लेकिन स्नान के बाद दिल गर्माहट से भर गया है.'

'डुबकी लगाकर खुद को बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहे'

स्पेन से आए एक अन्य श्रद्धालु ने कहा कि वे वहां डुबकी लगाकर खुद को बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं. 'हमारे यहां स्पेन, ब्राजील, पुर्तगाल से कई दोस्त हैं... हम आध्यात्मिक यात्रा पर हैं. मैंने पवित्र डुबकी लगाई और इसका भरपूर आनंद लिया; मैं बहुत भाग्यशाली हूं.' 

एक अन्य श्रद्धालु, जितेश प्रभाकर, जो मूल रूप से मैसूर के रहने वाले हैं और अब एक जर्मन नागरिक हैं. वे भी अपनी जर्मन पत्नी सास्किया नॉफ और नवजात बच्चे आदित्य के साथ भोर अंधेरे में मेले में स्नान के लिए पहुंचे. 

'सभी को अपनी जमीन और संस्कृति से जुड़े रहना चाहिए'

महाकुंभ में आने से बेहद खुश जितेश प्रभाकर ने कहा, 'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं यहां (भारत में) रहता हूं या विदेश में. असल बात ये है कि अपने देश और संस्कृति से संबंध होना चाहिए. मैं हर दिन योग का अभ्यास करता हूं. सभी व्यक्तियों को अपनी जमीन और संस्कृति से जुड़े रहना चाहिए और हमेशा अपने भीतर की यात्रा करने की कोशिश करनी चाहिए. उनकी जर्मन पत्नी सास्किया नॉफ ने कहा, 'मैं बहुत उत्साहित हूं. मुझे यहां आना हमेशा अच्छा लगता है.'

दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन से प्रयागराज आए एक श्रद्धालु ने कहा, 'यह बहुत सुंदर है. यहां की सड़कें साफ-सुथरी हैं, लोग बहुत मिलनसार और खुश हैं... हम सनातन धर्म का पालन करते हैं...'. दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन से आए एक अन्य श्रद्धालु निक्की ने कहा, 'हम बहुत भाग्यशाली है और यहां गंगा नदी पर आकर बहुत धन्य हैं..."

भगदड़ टालने के लिए आने-जाने के इंतजाम

इस बीच, मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ), पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की टीमें भी मौके पर मौजूद हैं. इस साल महाकुंभ का महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि यह एक दुर्लभ खगोलीय संयोग के दौरान पड़ रहा है जो 144 साल में केवल एक बार होता है.

ट्रैफिक पुलिस ने महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए वाहनों की सुचारू आवाजाही और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर इंतजाम किए हैं. भगदड़ को टालने के लिए त्रिवेणी पर आने-जाने के अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं. ट्रैफिक प्लान के मुताबिक श्रद्धालुओं का संगम मेला क्षेत्र में प्रवेश मार्ग जवाहरलाल नेहरू मार्ग (काली सड़क) से होगा, जबकि निकास मार्ग त्रिवेणी मार्ग से होगा. प्रमुख स्नान पर्वों के दौरान अक्षयवट को दर्शनार्थियों के लिए बंद रखा जाएगा. 

महाकुंभ 2025 में पार्किंग के इंतजाम

जौनपुर से आने वाले वाहनों के लिए चीनी मिल पार्किंग, पूर्वा सूरदास पार्किंग, गारापुर रोड, संयमी मंदिर कछार पार्किंग, बदरा सौनोती रहिमापुर मार्ग और उत्तरी/दक्षिणी पार्किंग स्थल बनाए गए हैं. लोग इन स्थानों पर अपने वाहन खड़े करके आराम से कुंभ स्नान के लिए जा सकते हैं. करीब डेढ़ साल तक चलने वाले इस महाकुंभ में 45 करोड़ से ज्यादा देसी-विदेशी श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है. महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को होगा.

(एजेंसी एएनआई)

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