UP Nagar Nikay Chunav New Dates : उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव में ओबीसी सर्वे की रिपोर्ट तैयार हो गई है. संभवतः सोमवार को ये रिपोर्ट योगी आदित्यनाथ सरकार को सौंप दी जाएगी. इसके बाद चुनाव का ऐलान हो सकता है.
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UP Nagar Nikay Chunav New Dates : उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में ओबीसी सर्वे की रिपोर्ट तैयार हो गई और गुरुवार शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई. यूपी में नगर निकाय चुनाव को लेकर पिछड़ा वर्ग आयोग ने सभी 75 जिलों के दौरे के बाद रिपोर्ट तैयार की है. सरकार की तरफ से ये रिपोर्ट हाईकोर्ट में भी दाखिल की जाएगी.ऐसे में यूपी में निकाय चुनाव अप्रैल में हो सकता है. उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सरकार ने पिछड़ा वर्ग आरक्षण हेतु गठित किया था. आयोग को 31 मार्च के पहले आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी.
दरअसल, यूपी में निकाय चुनाव को लेकर मामला हाईकोर्ट जाने के बाद कोर्ट ने नए सिरे से सर्वे कराकर चुनाव कराने का निर्देश दिया था. कोर्ट के आदेश पर यूपी सरकार ने राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग गठित किया था. आय़ोग को 31 मार्च से पहले सभी ज़िलों में दौरा कर शासन को रिपोर्ट देने को कहा गया था. आयोग ने तय तारीख़ से पहले शासन को रिपोर्ट सौंप दी है. अब यूपी सरकार इस सर्वे रिपोर्ट को आधार बनाकर नई आरक्षण सूची जारी करेगी. उस आरक्षण सूची के मुताबिक़ नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में सदस्यों और अध्यक्षों का चुनाव कराया जाएगा.
मालूम हो कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने जनवरी में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच का फैसला आने के तुरंत बाद ही पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर दिया था. आयोग को ट्रिपल टेस्ट के फार्मू के आधार पर ओबीसी के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को लेकर गणना करना थी. आयोग ने सभी इलाकों में जाकर जिलावार बैठकें कीं और रिपोर्ट तैयार की.
ऐसे में उसने डेढ़ माह से भी कम समय में ये काम पूरा कर लिया. आयोग की रिपोर्ट स्वीकार होने के बाद उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की प्रक्रिया फिर तेज हो सकती है. पहले माना जा रहा था कि निकाय चुनाव पर ओबीसी सर्वेक्षण का काम अप्रैल से पहले पूरा होना संभव नहीं है, लेकिन आयोग ने बेहद तेजी से अपनी प्रक्रिया पूरी की.
यूपी में नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायतों और उनके अध्यक्षों का कार्यकाल जनवरी में ही खत्म हो चुका है. ऐसे में लखनऊ नगर निगम, कानपुर नगर निगम जैसे 16 नगर निगमों में नगर आयुक्त और नगरपालिका में अधिशासी अधिकारी को प्रशासकीय कामकाज की जिम्मेदारी सौंपी गई है. हालांकि स्थानीय निकाय चुनाव समय पर न होने से नीतिगत फैसले नहीं लिए जा पा रहे हैं. जनप्रतिनिधियों की मांग है कि चुनावी प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाए.
बीजेपी ने पहले ही नगर निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं. उसने बूथवार और मंडलवार पदाधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदारी दी है. सपा भी कमर कस रही है. माना जा रहा है कि चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ बीजेपी उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर देगी.
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