कौल परिवार के कश्मीरी पंडित थे तो जवाहरलाल को कैसे मिला नेहरू सरनेम, 300 साल पुरानी दिलचस्प कहानी
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कौल परिवार के कश्मीरी पंडित थे तो जवाहरलाल को कैसे मिला नेहरू सरनेम, 300 साल पुरानी दिलचस्प कहानी

Nehru Surname Story: भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का आज जन्मदिवस पर पूरे देश में बाल दिवस मनाया जा रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि चाचा नेहरू के परिजनों और पूर्वजों को नेहरू नाम कहां से और कैसे मिला है. नहीं तो पढ़िए पूरी खबर ... 

Nehru Surname Story

Nehru Surname Interesting Story: भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का आज जन्मदिवस पर पूरे देश में बाल दिवस मनाया जा रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि चाचा नेहरू के परिजनों और पूर्वजों को नेहरू नाम कहां से और कैसे मिला है. नहीं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि चाचा नेहरू को उनका सरनेम नेहरू कैसे और कहां से मिला. इसके साथ ही आपको हम इस लेख में भारत के पहले पीएम द्वारा कोट में लाल गुलाब पहनने के पीछे का भी कारण भी बताएंगे. 

नेहरू सरनेम की उत्पत्ति
जानकारी के अनुसार नेहरू उपनाम की उत्पत्ति नेहरू परिवार के सबसे पुराने ज्ञात पूर्वज राज कौल के घर के बगल में बहने वाली नहर से हुई है. राज कौल एक कश्मीरी पंडित थे. जोकि सन् 1716 में दिल्ली चले गए थे. इसके बाद राज कौल के पोते गंगाधर नेहरू ने बाकी अन्य लोगों से उपनाम अलग रखने के लिए नेहरू सरनेम को अपनाया था. उनकी पैतृक हवेली दिल्ली के दरियागंज में थी. गंगाधर नेहरू के बाद उनके बेटे मोतीलाल नेहरू का जन्म हुआ. जिसके चलते गंगाधर नेहरू ने अपने द्वारा अपनाया हुआ उपनाम अपने बेटे को भी दे दिया. सबसे आखिर में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को कश्मीरी पंडित समुदाय से होने की वजह से लोग उन्हें प्यार से चाचा पंडित नेहरू कहते थे. 

अपनी पत्नी की याद में
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम पोस्ट पर बताया है कि भारत के पहले पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू अपनी स्वर्गीय पत्नी कमला नेहरू की याद में वे रोजाना अपने कोट में लाल गुलाब लगाते थे. आपको जानकारी दे दें कि लंबे समय तक बीमारी से ग्रसित होने के काण कमला नेहरू की 1938 में मौत हो गई थी. 

बच्ची ने दिया फूल!
इस सवाल का दूसरा जवाब यह भी मिलता है कि 1938 के ही आसपास के समय एक बार चाचा नेहरू एक जुलूस में बाग लेने के लिए कहीं गए हुए थे. तो वहां पर एक छोटी बच्ची ने चाचा नेहरू के कोट पर लाल गुलाब लगा दिया था. इसके साथ ही चाचा नेहरू बच्चों को बहुत प्यार करते थे. तो उसके बाद से ही नेहरू जी ने लगातार गुलाब का फूल लगाते थे. 

गुलाब चंचलता को है दर्शाता 
इस सवाल का एक तीसरा जवाब भी है. जोकि The Ladies Home Journal के सह-संपादक Bruce और Beatrice Gould के एक बार पूछने पर खुद चाचा नेहरू ने बताया था कि ये लाल गुलाब चंचलता का सूचक होता है. इससे मुझे गंभीर मसलों पर हल्की चीजें याद करने की अहमियत को दर्शाता है. 

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