Gorakhpur News: योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 92वें संस्थापक सप्ताह समापन समारोह में समय के अनुरूप खुद को ढालने और सामूहिक प्रयासों के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने युवाओं को मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से बचने और रचनात्मक गतिविधियों में समय देने की सलाह दी.
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Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 92वें संस्थापक सप्ताह समारोह में शामिल हुए. समारोह में उन्होंने परिषद से जुड़ी संस्थाओं, शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को सम्मानित किया. सीएम योगी ने यहां अपने संबोधन में कहा कि समय के प्रवाह के साथ चलना सबसे अहम है.
टीम वर्क से मिली इंसेफेलाइटिस नियंत्रण में सफलता
सीएम योगी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस के नियंत्रण का उदाहरण दिया. उन्होंने बताया कि यह बीमारी 1977 से 40 साल तक हजारों बच्चों की मौत का कारण बनी रही. लेकिन 2017 में सरकार ने डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और विभिन्न विभागों के सहयोग से टीम भावना के साथ काम किया. परिणामस्वरूप, 40 साल की समस्या का समाधान महज 2 साल में हो गया. यह सफलता टीम वर्क और सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है.
मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से बचने की सलाह
मुख्यमंत्री ने युवाओं को मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से बचने की सलाह दी.उन्होंने कहा कि तकनीक का उपयोग हमें करना चाहिए, लेकिन यह हमें संचालित न करे. युवा पीढ़ी को अपना समय रचनात्मक गतिविधियों, अध्ययन और कौशल विकास में लगाना चाहिए.
लीक से हटकर नया करने का करें प्रयास
सीएम योगी ने नोबल विजेता कैलाश सत्यार्थी के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही. उन्होंने युवाओं को प्रोत्साहित किया कि वे अपनी रुचि के अनुसार लीक से हटकर कुछ नया करने का प्रयास करें. यह प्रयास समाज सेवा, महिला एवं बाल उत्थान, या किसी भी अन्य सामाजिक क्षेत्र में हो सकता है.
विजन और एक्शन के बिना होता है कन्फ्यूजन
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में विजन और एक्शन का होना बहुत जरूरी है. अधूरी तैयारी और अस्पष्ट उद्देश्य कन्फ्यूजन पैदा करते हैं. उन्होंने युवाओं को जीवन को सिर्फ डिग्री और नौकरी तक सीमित न रखने की सलाह दी. जीवन का उद्देश्य विराट और समाजहित से जुड़ा होना चाहिए.
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की राष्ट्रवादी शिक्षा का प्रयास
सीएम योगी ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि परिषद 1932 से राष्ट्रवादी शिक्षा और स्वाभिमान को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है. महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज द्वारा स्थापित यह संस्था आज पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रही है.
संस्थाओं और मेधावियों को सम्मानित किया गया
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री और कैलाश सत्यार्थी ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद से जुड़ी संस्थाओं, शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया. इस अवसर पर 200 पुरस्कार मंच से वितरित किए गए और शेष 800 पुरस्कार संस्थाओं के माध्यम से दिए जाएंगे. कार्यक्रम में सीएम योगी और कैलाश सत्यार्थी ने एमपीपीजी कॉलेज की शिप्रा सिंह द्वारा लिखित पुस्तक ‘शिक्षा की भारतीय अवधारणा’ का विमोचन भी किया.
मुख्य अतिथि और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
समारोह में विश्वविद्यालयों के कुलपति, सांसद, महापौर और राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया. कैलाश सत्यार्थी की पत्नी सुमेधा सत्यार्थी और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के पदाधिकारियों ने भी इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
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