आगरा-मथुरा से बलिया-देवरिया तक यूपी के 40 जिलों की बिजली निजी हाथों में होगी, पढ़ें जिलों की लिस्ट
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आगरा-मथुरा से बलिया-देवरिया तक यूपी के 40 जिलों की बिजली निजी हाथों में होगी, पढ़ें जिलों की लिस्ट

Privatisation Of Bijli Nigam: उत्तर प्रदेश के 40 जिलों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को निजी क्षेत्र को सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के निजीकरण के तहत सरकारी और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नए नियम लागू किए जा रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर... 

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UPPCL News: उत्तर प्रदेश के 40 जिलों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को निजी क्षेत्र के हाथों में सौंपने की प्रक्रिया तेज हो गई है. पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर चलाने का प्रस्ताव है. इस बदलाव से लगभग 1.71 करोड़ उपभोक्ता प्रभावित होंगे. निजीकरण के तहत सरकारी कर्मचारियों और आउटसोर्स कर्मियों के लिए नए नियम लागू किए गए हैं. जिनमें स्थानांतरण, अनुबंध की अवधि और नौकरी की शर्तें शामिल हैं.

पीपीपी मॉडल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) घाटे को कम करने के उद्देश्य से पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की बिजली आपूर्ति को पीपीपी मॉडल पर निजी कंपनियों के हाथों सौंपने की तैयारी कर रहा है. इसमें पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के तहत आने वाले सभी जिले शामिल हैं.

40 जिलों की बिजली आपूर्ति होगी निजी
इन दोनों विद्युत वितरण कंपनियों में 40 जिलों के 1.71 करोड़ उपभोक्ता शामिल हैं. यहां बिजली आपूर्ति के लिए 16,000 नियमित इंजीनियर और कर्मचारी, साथ ही 44,000 संविदा कर्मी काम कर रहे हैं,

शर्तों के साथ विकल्प  
निजीकरण का विरोध होने के बावजूद निगम प्रबंधन का दावा है कि सभी इंजीनियरों और कर्मचारियों के हित सुरक्षित रहेंगे. इसके लिए तीन विकल्प दिए गए हैं.

1. पहले साल - सभी कर्मचारियों को निजी कंपनी के साथ काम करना होगा.
2. दूसरे साल - एक-तिहाई कर्मचारियों को अन्य डिस्कॉम में स्थानांतरित होने का अवसर मिलेगा.
3. वीआरएस विकल्प - एक साल बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) लागू की जाएगी.

आउटसोर्स कर्मियों का भविष्य अनिश्चित  
आउटसोर्स कर्मियों के कार्यकाल को उनके मौजूदा अनुबंध तक सीमित किया जाएगा. अनुबंध समाप्त होने के बाद, निजी कंपनी कर्मियों को रखने या हटाने का निर्णय लेगी. कंपनी को कार्य दक्षता के आधार पर छंटनी का अधिकार होगा.

निजीकरण के विरोध जारी
पीपीपी मॉडल के तहत बिजली आपूर्ति को निजी हाथों में सौंपने के विरोध में इंजीनियर और कर्मचारी लगातार आवाज उठा रहे हैं. हालांकि प्रबंधन का कहना है कि निजीकरण से बिजली आपूर्ति में सुधार होगा और कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से विकल्प दिए जाएंगे.

दक्षिणांचल के जिले
आगरा, मथुरा, फ़िरोज़ाबाद, मैनपुरी, कानपुर, कानपुर देहात, फर्रुख़ाबाद, एटा, औरैया, झांसी, ललितपुर, उरई, अलीगढ़, हाथरस, कासगंज, बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा.

पूर्वांचल के जिले
वाराणसी, गाज़ीपुर, चंदौली, जौनपुर, भदोही, मिर्ज़ापुर, सोनभद्र, मऊ, आज़मगढ़, बलिया, देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर, महराजगंज, संतकबीरनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, फतेहपुर.

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