Kushinagar News: कुशीनगर के राधिका देवरिया का अनोखा तालाब,ग्रामीणों को दिला चुका है 75-80 नौकरियां
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2423419

Kushinagar News: कुशीनगर के राधिका देवरिया का अनोखा तालाब,ग्रामीणों को दिला चुका है 75-80 नौकरियां

वैसे तो भारत में प्रतिभाओं की कमी नही हैं. गांव-गांव में ऐसे युवा और बच्चें मिलेंगे जिन्हें सही राह और मौका मिले तो वह देश का नाम रोशन करने से पीछे नहीं हटेंगे.

Swimming

प्रमोद कुमार गोंड/ कुशीनगर: वैसे तो भारत में प्रतिभाओं की कमी नही हैं. गांव-गांव में ऐसे युवा और बच्चें मिलेंगे जिन्हें सही राह और मौका मिले तो वह देश का नाम रोशन करने से पीछे नहीं हटेंगे. कुशीनगर में एक ऐसे ही गांव है जहां के तालाब में पिछले 45 सालों से प्रतिभाओं को निखारा जा रहा है. जिन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर कई मेडल जीते है. 

तालाब में ओलंपिक मेडल का सपना
अगर हम कहें कि इस गांव के तालाब में ओलंपिक मेडल का सपने पल रहे है तो कुछ गलत नहीं होगा. भले ही यहां सुविधाओं की कमी है लेकिन इस गांव के युवाओं में हौसलों की कमी नहीं है. यूपी के कुशीनगर जिले का एक गांव है हाटा ब्लाक का रधिया देवरिया जहां गांव के तालाब में तैराकी सीख रहे बच्चें राष्टीय स्तर पर अपने दम पर लोहा मनमा चुका हैं. इस बात का अंदाजा इसी बात पर लगाया जा सकता हैं कि संसाधनों की कमी और बिना सरकारी मद्द के तैराकी सीखे यह बच्चें स्टेट लेवल से लेकर राष्टीय लेवल पर अपना टेलेंट के दम पर बहुत से पदक जीते हैं और अपने गांव का नाम रोशन किया है. 

सरकारी और गैर सरकारी विभागों में नौकरियां 
गांव के लोगों ने बताया कि रधिया देवरिया गांव के इस तालाब ने अब तक लगभग 75 से 80 लोगों को विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी विभागों में नौकरियां दिलवाई हैं. देश के विभिन्न संस्थाओं जिनमें में रेलवे, सेना, एसएसबी के इलावा बीएचयू में भी इस तालाब से प्रैक्टिस कर तैराकी के दम पर सरकारी सेवा प्राप्त की है. गांव के इन नौनीहालों को देखने के बाद यह लगता है कि सरकार भी अगर इस तरफ ध्यान दें तो आने वाले दिनों में नेशनल इंटरनेशनल ओलंपिक से तैराकी में मेडल की भरमार लग सकती है. राधिका देवरिया के आसपास के 7 किलोमीटर से जुड़े गांव के सामान्य घरों के बच्चे यहां तैराकी सीखते हैं. सबसे बड़ी खास बात यह हैं कि इस तैराकी को सिखाने के लिए कोई फीस नही वसूली जाती बल्कि यह निशुल्क पिछले 45 सालों से चलता चला आ रहा हैं. तैराकी सिखाने वाले कोच बिना फीस के तैराकी का गुण सिखाते हैं. जो कोच तैराकी सिखाते हैं वह भी इसी तालाब सीख कर वह मुकाम हासिल किए हैं और विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. 

हौसले बुलंद लेकिन सुविधाओं में कमी
जब वह छुट्टी पर आते है तो वह कोच बन बच्चों को वही गुण सिखाते हैं जो उन्होंने सीखें हैं. तालाब में तैराकी सीखने वाले बच्चों में प्रतिभा की भी कोई कमी नहीं, कमी है तो केवल संसाधनों की. अगर वह सुविधाएं पूरा कर दिया जाए तो यह बच्चे क्या कर सकते हैं इस बात का अंदाज़ा आप इनकी प्रतिभाओं को देख कर लगा सकते हैं. ये चाहें तो ओलंपिक से भी मेडल ले आने में पूरी तरह सक्षम है. जनप्रतिनिधियों के उपेक्षा का शिकार हुए रधिया देवरिया गांव के आसपास कोई अत्याधुनिक स्विंगिंग पुल बन जाये और संसाधन पूरी तरह उपलब्ध हो जाये तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह गांव के बच्चें अपने प्रतिभा के दम पर देश विदेश में कितना लोहा मनवा सकते हैं.

उत्तर प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Gorakhpur News और पाएं UP Breaking News in Hindi  हर पल की जानकारी । उत्तर प्रदेश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

और पढ़ें- Farrukhabad News: 'भूतों' में बंट गई 16 लाख की सैलरी! फर्रुखाबाद के नलकूप विभाग में फर्जीवाड़े का खुला खेल
 

Kushinagar News: जिसे भेड़िया समझे थे गांव वाले वो निकला पागल सियार, 6 लोगों पर हमलाकर किया घायल
 

Trending news