Bulandshahr News: बुलंदशहर के छोटे गांव के किसान के बेटे ने सिविल सेवा में झंडे गाड़े, IPS बन छुई कामयाबी
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Bulandshahr News: बुलंदशहर के छोटे गांव के किसान के बेटे ने सिविल सेवा में झंडे गाड़े, IPS बन छुई कामयाबी

Bulandshahr News: एक किसान के बेटे मेहनत और लगन के बूते पर कम संसाधनों के साथ हासिल किया सफलता का मुकाम. मोबाइल पर ऑनलाइन कोचिंग लेकर किया देश की सबसे बड़ी परीक्षा को पास. 

UPSC Exam 2023

UPSC Exam 2023: 'करत-करत अभ्यास के जडमति होत सुजान , रसरी आवत-जात ते सिल पर परत निशान' मुहावरे को रघुनाथपुर निवासी एक किसान के बेटे ने सिध्द कर दिखाया है. मेहनत और लगन के बूते पर कम संसाधनों के साथ पवन ने सफलता का मुकाम हासिल किया. मोबाइल पर ऑनलाइन कोचिंग लेकर उन्होंने देश की सबसे बड़ी परीक्षा को पास किया. पवन की कामयाबी से गांव और परिवार में हर्ष का माहौल है. 

जनपद के रघुनाथपुर गांव निवासी एक किसान के बेटे ने यूपीएससी में 239वी रैंक हासिल कर गांव का ही नहीं पूरे जनपद का नाम रोशन कर दिया है. आपको बता दें गांव रघुनाथपुर निवासी मुकेश कुमार के पुत्र पवन कुमार ने यूपीएससी में 239वीं रैंक हासिल की है. पवन के स्वजन और ग्रामीणों ने पवन की कामयाबी पर खुशी का इजहार करते हुए पवन को बधाई दी है.

अपने परिवार को दिया सफलता का श्रेय
मंगलवार को घोषित हुए यूपीएससी-2023 की परीक्षा परिणाम में क्षेत्र के गांव रघुनाथपुर निवासी पवन कुमार ने 239वीं रैंक प्राप्त की है. पवन ने अपनी इस कामयाबी पर अपने माता-पिता और बहनों का इसका श्रेय दिया है. पवन के पिता मुकेश कुमार गांव में एक किसान है और माता सुमन देवी गृहणी हैं. पवन कुमार की चार बहनें हैं. सबसे बड़ी बहन गोल्डी बीए की परीक्षा के बाद एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती हैं. दूसरी बहन सृष्टि जो वर्तमान में बीए की परीक्षा दे रही है. सबसे छोटी बहन सोनिया कक्षा 12 की पढ़ाई कर रही है.

नवोदय विद्यालय से  किया था इंटर पास
पवन के पिता मुकेश कुमार ने बताया कि पवन ने 2017 में नवोदय विद्यालय से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी. इसके बाद इलाहाबाद से बीए की परीक्षा पास कर दिल्ली एक कोचिंग सेंटर में सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी. कुछ विषयों की कोचिंग के साथ-साथ पवन ने वेबसाइटस की भी मदद ली. दो वर्ष की कोचिंग के बाद पवन ने अधिकतर समय अपने आवास पर ही अध्ययन किया था.

पवन कुमार ने बताया कि दो बार परीक्षा में असफल होने के बाद तीसरी बार के प्रयास में उन्हें यह सफलता मिली है.

 

 

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