बरेली में कुत्तों की नसों से खून निकालकर ऊंची कीमतों में बेच रहे इंसान, पकड़ा गया गैंग
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बरेली में कुत्तों की नसों से खून निकालकर ऊंची कीमतों में बेच रहे इंसान, पकड़ा गया गैंग

Bareilly News: उत्तर प्रदेश में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें जानवरों का खून निकालकर ऊंची कीमतों में बेचा जा रहा है. सुल्तानपुर से सांसद मेनका गांधी ने खुद इसको लेकर शिकायत की है.

Bareilly Dogs

बरेली/अजय कश्यप: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है, जहां जानवरों को पकड़कर उसकी नसों से खून निकालकर ऊंची कीमतों में बेचा जा रहा था. शिकायत के अनुसार, सड़कों पर घूमने वालों कुत्तों को पहले पकड़ा जाता है. फिर उनकी नसों से खून को खींचा जाता है. फिर उसको ऊंची कीमतों में बेचा जाता है.पीपुल्स फॉर एनीमल्स से जुड़ीं मेनका गांधी के हस्तक्षेप के बाद जानवरों के खून के सौदागरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है.

पीपल फॉर एनिमल्स (पीएफए) के सदस्यों के मुताबिक कई दिनों से ऐसे गिरोह के बारे में सूचना मिल रही थी, जो सड़क पर घूमने वाले कुत्तों का खून निकाल रहा है। गिरोह खून को मोटे दाम बेच रहा था. पीएफए सदस्य धीरज पाठक का कहना है कि सड़क पर घूमने वाले कुत्तों का खून निकालकर मोटे दाम पर बेचने वाले गिरोह के सदस्य के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. इससे पहले कोतवाली में दोनों पक्ष जुटे और आरोप प्रत्यारोप का दौर चला. पीपल फॉर एनिमल्स (PFA) के धीरज पाठक ने बताया कि कई दिनों से ऐसे गिरोह के बारे में सूचना मिल रही थी जो सड़क पर घूमने वाले कुत्तों का खून निकाल रहा है और मोटे दाम पर उसे बेच रहा था.

कई लोगों ने पशु प्रेमियों को बताया कि कोतवाली के आलमगीरीगंज घी मंडी निवासी वैभव शर्मा और उसके साथी यह काम कर रहे हैं. इसके बाद कोतवाली पहुंचकर शिकायत की. इससे पहले सांसद मेनका गांधी ने पुलिस अधिकारियों को कॉल करके शिकायत की थी. कोतवाली में दोनों पक्षों के साथ ही नगर निगम की कुत्ता पकड़ने वाली टीम बुलाई गई. यहां तीखी बहस के बाद भी नतीजा नहीं निकला तो वैभव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई.

पीएफए सदस्यों ने आरोप लगाया कि वैभव शर्मा नगर निगम में कुत्तों की नसबंदी करने वाली एक संस्था के साथ काम कर चुका है, इसलिए वैभव आसानी से सड़क पर घूमने वाले कुत्तों को पकड़ लेता है. रसूखदारों को जब उनके कुत्ते के लिए खून जरूरत पड़ती है तो वह वैभव से संपर्क करते हैं. इस काम के लिए वैभव पांच से दस हजार रुपये लेता है. इतना ही नहीं बहस के दौरान आरोपी ने इस बात को स्वीकार भी किया.

पीएफए सदस्यों का कहना है कि सुल्तानपुर लोकसभा चुनाव खत्म होते ही मेनका गांधी खुद इस मामले में संज्ञान लेंगी. वो एसएसपी से बात करेंगी ताकि अपराधियों को तत्काल पकड़कर ऐसे गैंग पर शिकंजा कसा जा सके. इस काले धंधे के असली मास्टरमाइंड को सामने लाना जरूरी है.

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