Uttarakhand News: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में यूसीसी लागू किए जाने पर कहा कि इस संहिता का उद्देश्य सभी नागरिकों को समान अधिकार देना है इसके अलावा यह नियम सभी के साथ न्याय करने का काम करेंगे.
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Uttarakhand UCC: देवभूमि उत्तराखंड में इन दिनों समान नागरिक संहिता को लेकर चर्चा गर्म है. इस बीच सीएम पुष्कर सिंह धामी को यूसीसी नियमावली का हिंदी और अंग्रेजी संस्करण सौंपा गया. आपको बता दें कि उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है. इसके लिए राज्य सरकार ने साल 2022 में एक समिति बनाई थी. इस समिति ने समान नागरिक संहिता का एक मसौदा तैयार किया . इस साल मार्च में राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद उत्तराखंड समान नागरिक संहिता कानून बन गया था. अब इस कानून को लागू किया जा रहा है.
संहिता के नियमों का सही से कार्यान्वयन हो इसके लिए एक नई समिति तैयार की गई है. इसी समिति ने आज नियमावाली की हिंदी और इंग्लिश कॉपी सीएम धामी को सौंपी. नियमवाली को चार भागों में बांटा गया है. 1. विवाह और तलाक 2. लिव इन रिलेशनशिप 3. जन्म और मृत्यु 4. उत्तराधिकार.
इसके अलावा सरकार की ओर से एक ऑनलाइन पोर्टल और ऐप भी शुरू किया गया है. ऐप और पोर्टल से नागरिकों को घर बैठे सारी सुविधाएं मिल सकेंगी. आज नियमावली सौंपे जाने के मौके पर सीएम ने कहा कि यूसीसी का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लाना है. यह समाज में सभी को समान अधिकार देगा और न्याय दिलाने का काम करेगा. आपको बता दें कि यूसीसी लागू होते ही उत्तराखंड ऐसा ऐतिहासिक कदम उठाने वाला पहला राज्य बन जाएगा.
इसे इस साल नवंबर से लागू किया जाना है. इस नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही इसे लागू किया जाएगा. आपको बता दें कि राज्य स्थापना दिवस यानी 9 नवंबर के दिन इसे लागू किया जा सकता है. ये नियम होंगे लागू
- सभी धर्मों के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और उत्तराधिकार के लिए एक ही कानून
- हर दंपत्ति के लिए तलाक व शादी का पंजीकरण कराना अनिवार्य
- विवाह के लिए पुरुष की न्यूनतम आयु 21 और महिला की 18 वर्ष होगी
- एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना प्रतिबंधित होगा
- संपत्ति में बेटा और बेटी को बराबर अधिकार
- वैध अवैध संतान में कोई भेद नहीं
- गर्भ में पल रहे बच्चे के संपत्ति में अधिकार
- लिव इन में रहने वालों के लिए पंजीकरण अनिवार्य