UP Budget 2023 : उत्तर प्रदेश का बजट वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बुधवार सुबह 11 बजे पेश करेंगे. यूपी का बजट सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर फोकस हो सकता है.
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UP Budget 2023 : उत्तर प्रदेश देश की राजनीति का पावर इंजन तो आजादी के बाद से ही बना हुआ है, लेकिन अब बीमारू राज्य के तमगे को पीछे छोड़ते हुए उसने अगले कुछ सालों में एक लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है. ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में मिले 33.5 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव से सरकार उत्साहित है. यूपी बजट (Uttar Pradesh Budget 2023 ) पिछले छह साल में दोगुना हो गया है. इस बार लगभग 7 लाख करोड़ रुपये का यूपी बजट योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath) पेश कर सकती है.
देश की 5 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में एक
यूपी बजट की विशेषताओं (UP Budget Highlights) के पहले बात करें तो उत्तर प्रदेश भारत की पांच बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात के साथ वो देश की 5 टॉप इकोनॉमी में से एक है. कोरोना काल में भी उत्तर प्रदेश की आर्थिक विकास दर में बड़ी गिरावट नहीं आई.
यूपी की तरक्की में कृषि का योगदान
उत्तर प्रदेश के सकल राज्य मूल्य में कृषि क्षेत्र का योगदान 26 फीसदी है.हालांकि उद्योगों की हिस्सेदारी जीएसवीए में 2020-21 में 25 फीसदी है.लेकिन माना जा रहा है कि ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में आए 33.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव के जरिये इसमें बड़ा उछाल आएगा. सर्विस सेक्टर का योगदान राज्य की अर्थव्यवस्था में 49 फीसदी है.
2023 तक वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था डॉलर के हिसाब से 2020-21 में 227 अरब डॉलर थी, जो 2023 तक 1 ट्रिलियन डॉलर के सरकार के लक्ष्य तक पहुंच सकती है. लेकिन इसके लिए सालाना विकास दर को 18 फीसदी तक ले जाना होगा. अगर राज्य 13 फीसदी की दर से विकास करता है तो 2034-35 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनेगा.
रेलवे का बड़ा नेटवर्क
मालगाड़ियों से सामान ढुलाई की आवाजाही के फ्रेट कॉरिडोर में यूपी बीच की लोकेशन में है. ऐसे में उसे ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर का बड़ा लाभ मिलेगा. रेलवे बजट मे भी यूपी को 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बड़ा हिस्सा मिला है.
मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन
योगी आदित्यनाथ सरकार ने केंद्र की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम और इलेक्ट्रानिक्स इंडस्ट्री का लाभ नए निवेशकों को देने के लिए नोएडा, गाजियाबाद समेत सभी जिलों में औद्योगिक इकाइयों को छूट दी है.नोएडा आज मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रानिक्स सामान की मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा हब है.
डिफेंस कॉरिडोर पर जोर
डिफेंस कॉरिडोर के जरिये लखनऊ से झांसी तक रक्षा क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण में बड़े पैमाने पर विनिर्माण की तैयारी है. यूपी में सबसे ज्यादा आर्डिनेंस फैक्ट्रियां हैं, जिनके आधुनिकीकरण पर काम चल रहा है. Defence Corridor का प्रोजेक्ट करीब 22 हजार करोड़ रुपये का है.
6 साल में दोगुना हुआ बजट का आकार
2017-18
3.18 करोड़ रुपये
2018-19
4.28 लाख करोड़
2019-20
4.70 लाख करोड़
2020-21
5.12 लाख करोड़
2022-23
6.18 लाख करोड़
2023-24
7 लाख करोड़ रुपये (अनुमानित)
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अर्थव्यवस्था की चुनौती
25 करोड़ की बड़ी आबादी का बोझ
कृषि क्षेत्र में कम आय और बड़ी कामकाजी आबादी
पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्र का काम विकास
प्रति व्यक्ति आय अभी अपेक्षा से कम
चौतरफा जमीनी इलाकों से घिरा हुआ
बड़े प्रोजेक्ट से आस
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे
कुशीनगर एयरपोर्ट, जेवर एयरपोर्ट
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट स्कीम को बढ़ावा
90 लाख लघु इकाइयां उत्तर प्रदेश में
गाजियाबाद मेरठ रैपिड रेल
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