Lucknow News: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने योगी सरकार को निर्देश दिया है कि शिक्षामित्रों को सम्मानजनक और आजीविका के लिए आवश्यक मानदेय का भुगतान करे. इतना ही नहीं कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि वर्तमान में शिक्षामित्रों का मानदेय बहुत कम है. सरकार इस पर विचार करे.
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Lucknow News: यूपी के शिक्षामित्रों के लिए अच्छी खबर है. यूपी में शिक्षामित्रों को सम्मानजनक जीवन यापन के लिए आवश्यक मानदेय भुगतान किया जाएगा. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने योगी सरकार को इस संबंध में निर्देश दे दिया है. इसके बाद प्रदेश के लाखों शिक्षामित्रों को लाभ पहुंचेगे.
बहुत कम है मानदेय
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने योगी सरकार को निर्देश दिया है कि शिक्षामित्रों को सम्मानजनक और आजीविका के लिए आवश्यक मानदेय का भुगतान करे. इतना ही नहीं कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि वर्तमान में शिक्षामित्रों का मानदेय बहुत कम है. सरकार इस पर विचार करे. इसके लिए राज्य सरकार एक उच्चस्तरीय कमेटी का भी गठन करे.
सहायक अध्यापकों की तरह कर रहे काम
याची का पक्ष रख रहे अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी और अग्निहोत्री त्रिपाठी ने बताया कि साल 1998 के शासनादेश के तहत राज्य के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षामित्रों की नियुक्ति की गई. शिक्षामित्रों की नियुक्ति एक साल के लिए संविदा पर की गई थी. इसे हर साल रिन्यू किया जाता है. तब से अब तक शिक्षामित्र नियमित रूप से नियुक्त सहायक अध्यापकों की तरह ही सेवा दे रहे हैं. हालांकि, उनका मानदेय नहीं बढ़ाया गया.
ये हैं शिक्षामित्रों की मांग
ऐसे में शिक्षामित्रों ने समान कार्य के लिए सहायक अध्यापकों की तरह ही वेतन की मांग की है. साथ ही कम से कम न्यूनतम वेतनमान सहायक अध्यापकों के बराबर करने की मांग की है. शिक्षामित्रों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के कई अन्य फैसलों का हवाला देकर सहायक अध्यापक की तरह ही वेतन प्रदान किए जाने की अपील की है.