Girl Pregnant By Her Brother: भाई के बच्चे की मां बनेगी 12 साल की बहन, अवैध संबंध से गर्भवती हुई लड़की
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2041397

Girl Pregnant By Her Brother: भाई के बच्चे की मां बनेगी 12 साल की बहन, अवैध संबंध से गर्भवती हुई लड़की

Kerale Hinght Court: केरल में नाबालिग लड़की को उसके ही भाई ने गर्भवती किया है. रिपोर्ट के मुताबिक जब माता-पिता को अपनी बेटी के गर्भवती होने की जानकारी हुई तो पैरों तले जमीन खिसक गई. जानें कोर्ट कैसे पहुंचा मामला...

 

Kerale Hinght Court

kerale: केरल हाईकोर्ट ने एक नाबालिग लड़की और उसके परिवार को 34 सप्ताह का गर्भ गिराने की परमिशन नहीं दी. नाबालिग लड़की को उसके ही सगे भाई ने ही गर्भवती किया है. कोर्ट का कहना है कि भूर्ण पूरी तरह के तैयार हो चुका है. पूरी तरह से गर्भ के बाहर जीवन की तैयारी कर रहा है. कोर्ट का कहना है कि अब इस समय पर गर्भपात करना सही नहीं है. कोर्ट ने चिकित्सकों की देखरेख में डिलिवरी करने के आदेश दिया है. 

केरल के नाबालिग भाई के साथ अनैतिक संबंध के चलते गर्भवती हुई 12 वर्षीय नाबालिग लड़की का गर्भपात कराने की याचिका को केरल हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट का कहना है कि लड़की के पेट में पल रहा भ्रूण 34 सप्ताह का हो चुका है, पूरी तरह से विकसित हो चुका है और गर्भ के बाहर जीवन के लिए तैयारी कर रहा है. कोर्ट ने अपने फैसले में आगे कहा कि गर्भधारण के इस स्तर पर गर्भपात संभव नहीं है, और सिजेरियन सेक्शन या नॉर्मल डिलिवरी के जरिए बच्चे को जन्म होगा इसका फैसला चिकित्सा विशेषज्ञों पर छोड़ दिया गया है. नाबालिग लड़की के माता-पिता ने तर्क दिया कि बच्चे को जन्म देने से लड़की के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर होगा. लड़की के माता- पिता को समाज की भी चिंता हो रही है कि भाई के बच्चे की मां बनने के बाद समाज हमारी बेटी को कैसे स्वीकार करेंगा. 

Gyanvapi Masjid Case: क्या आज सार्वजनिक हो जाएगी सर्वे की रिपोर्ट?, मुस्लिम पक्ष की दायर अर्जी पर सुनवाई आज

केरल कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि बच्चा होने तक भाई को बहन से दूर रखा जाए. रिपोर्ट के मुताबिक जब माता-पिता को अपनी बेटी के गर्भवती होने की सूचना मिली तो उनकी हैरानी की कोई सीमा नहीं थी. माता- पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई थी. न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने नाबालिग लड़की को याचिकाकर्ताओं/माता-पिता की हिरासत और देखभाल में रहने का निर्देश दिया. अदालत ने अधिकारियों और माता-पिता को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है कि उसके नाबालिग भाई, जिसके खिलाफ आरोप लगाए गए हैं, को लड़की के करीब न जाने दिया जाए.

12 वर्षीय लड़की के माता-पिता ने उसकी 34 सप्ताह की गर्भावस्था को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि गर्भावस्था से नाबालिग लड़की को शारीरिक और मनोवैज्ञानिक समस्याएं हो सकती हैं और अदालत को बताया कि उन्हें हाल तक गर्भावस्था के बारे में पता नहीं था.

Corona News UP/UK: यहां केरल से लौटा युवक निकला कोरोना पॉजिटिव, इस शहर में बिके 7 लाख से ज्यादा के मास्क

पिछले साल अप्रैल में, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कथित तौर पर बलात्कार और यौन उत्पीड़न की शिकार 12 साल की नाबालिग लड़की को गर्भावस्था को खत्म करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. अदालत ने फैसला सुनाया कि गर्भावस्था की समाप्ति से मातृ मृत्यु तक का जोखिम हो सकता है. वहीं मेडिकल बोर्ड ने निष्कर्ष निकाला कि गर्भावस्था को पूर्ण अवधि तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त दो सप्ताह तक जारी रखने से लड़की पर गंभीर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है. बोर्ड ने इसके कम मनोवैज्ञानिक प्रभाव को देखते हुए सिजेरियन सेक्शन डिलीवरी का भी सुझाव दिया.

Trending news