यूपी में चुनाव का बिगुल नहीं.. बजी शहनाई, सत्ता बचाने के लिए नेताजी ले आए दुल्हनिया, जानें क्या है माजरा
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यूपी में चुनाव का बिगुल नहीं.. बजी शहनाई, सत्ता बचाने के लिए नेताजी ले आए दुल्हनिया, जानें क्या है माजरा

UP Municipal Election: यूपी नगर निगम चुनाव में वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित होने पर पार्षद ने आननफानन में शादी रचा ली. आइये आपको बताते हैं पार्षद ने शादी करने का कदम क्यों उठाया.

यूपी में चुनाव का बिगुल नहीं.. बजी शहनाई, सत्ता बचाने के लिए नेताजी ले आए दुल्हनिया, जानें क्या है माजरा

UP Municipal Election 2022: उत्तर प्रदेश नगर निगम चुनावों के लिए सीटों के परिसीमन और आरक्षण आदि की घोषणा होने के बाद अपने राजनीतिक हितों की रक्षा के लिए एक स्थानीय पार्षद ने आनन-फानन में शादी रचा ली है ताकि वे अपनी पुरानी सीट से पत्नी को उम्मीदवार बना सकें. गौरतलब है कि अयोध्या नगर निगम के स्वर्गद्वार वार्ड से समाजवादी पार्टी के मौजूदा पार्षद महेंद्र शुक्ला ने पिछले नगर निगम चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा के उम्मीदवार को हराया था लेकिन हाल ही में हुए परिसीमन के बाद उनके वार्ड को अब लक्ष्मणघाट वार्ड में समायोजित कर दिया गया है.

बुधवार को उन्होंने कहा, "मेरी प्रिया शुक्ला से पहले ही सगाई हो चुकी थी. हमारी योजना अगले साल जनवरी में शादी करने की थी. लेकिन जब लक्ष्मणघाट सीट (पुराने स्वर्गद्वार वार्ड को इसमें शामिल कर दिया गया है) को महिलाओं के लिए आरक्षित घोषित किया गया, तो हमने तुरंत शादी करने का फैसला किया." पार्षदों की आरक्षण सूची घोषित होने के अगले ही दिन दो दिसंबर को शुक्ला ने प्रिया से शादी की.

अपने इस कदम पर शुक्ला ने कहा, "मैंने पिछले पांच साल में अपने क्षेत्र के लोगों के लिए कड़ी मेहनत की है और राजनीति में आगे बढ़ना चाहता हूं. इसके लिए मैंने सोचा कि मेरे परिवार की कोई महिला उम्मीदवार नगरपालिका चुनाव लड़े तो बेहतर होगा. और ऐसे में मेरी पत्नी से बेहतर कौन होगा?’’

उप्र में इस महीने के अंत में नगर निकाय चुनाव होने हैं. उत्तर प्रदेश में 17 नगर निगम, 200 नगर परिषद और 545 नगर पंचायतें हैं. नामांकन, मतदान और मतगणना की तारीखों की घोषणा अभी बाकी है.

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(एजेंसी इनपुट के साथ)

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