UP College: इस विवाद की जड़ में वक्फ बोर्ड का 2018 में जारी किया गया नोटिस है. वक्फ बोर्ड ने कॉलेज की मस्जिद को अपनी संपत्ति बताया था, जबकि कॉलेज प्रशासन ने इसे अवैध निर्माण करार दिया. कॉलेज का दावा है कि यह संपत्ति 1909 से ट्रस्ट की है.
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Mosque Controversy: देश भर में जहां देखो वहां मंदिर मस्जिद विवाद चल रहा है. इसी कड़ी में वाराणसी के यूपी कॉलेज परिसर में मस्जिद में नमाज के दौरान कुछ छात्रों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया, जिससे माहौल गरमा गया. पुलिस ने स्थिति संभालने के लिए तुरंत कार्रवाई की और सात छात्रों को हिरासत में लिया. छात्रों ने विरोध जताते हुए कॉलेज प्रशासन पर कार्रवाई का आरोप लगाया. इसके बाद मस्जिद में नमाज रोक दी गई और जुमे की नमाज का बहिष्कार किया गया.
छात्र नेताओं का दावा
कॉलेज के छात्र नेता विवेकानंद सिंह ने आरोप लगाया कि मस्जिद में बाहरी लोग नमाज के नाम पर भीड़ जमा कर रहे थे. इसी का विरोध करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. उन्होंने कहा कि छात्रों को परिसर में पूजा-पाठ से कोई समस्या नहीं है, लेकिन बाहरी लोगों का दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
पुलिस और प्रशासन का कदम
कैंट क्षेत्र के एसीपी विदुष सक्सेना ने बताया कि छात्रों को शांत कराकर वापस भेजा गया और सात छात्रों को हिरासत में लेकर शाम को छोड़ दिया गया. बढ़ते विवाद को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने कैंपस में पहचान पत्र अनिवार्य कर दिया है. प्रिंसिपल धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि अब किसी भी बाहरी व्यक्ति को आईडी के बिना कैंपस में प्रवेश नहीं मिलेगा.
वक्फ बोर्ड और कॉलेज का पुराना विवाद
इस विवाद की जड़ में वक्फ बोर्ड का 2018 में जारी किया गया नोटिस है. वक्फ बोर्ड ने कॉलेज की मस्जिद को अपनी संपत्ति बताया था, जबकि कॉलेज प्रशासन ने इसे अवैध निर्माण करार दिया. कॉलेज का दावा है कि यह संपत्ति 1909 से ट्रस्ट की है. वक्फ बोर्ड के दावे के बाद मस्जिद के बिजली कनेक्शन और निर्माण कार्य पर भी रोक लगाई गई.
मामले में अब क्या स्थिति है?
मामले से जुड़े वसीम अहमद खान, जिन्होंने वक्फ बोर्ड को यह संपत्ति बताई थी, अब नहीं रहे. उनके बेटे तनवीर अहमद खान ने कहा कि परिवार का अब इस विवाद से कोई लेना-देना नहीं है. तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए प्रशासन ने स्थिति पर नजर बनाए रखी है. एजेंसी इनपुट