नागपुर : ब्रह्मोस यूनिट में PAK की घुसपैठ, ISI एजेंट गिरफ्तार
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नागपुर : ब्रह्मोस यूनिट में PAK की घुसपैठ, ISI एजेंट गिरफ्तार

गिरफ्तार युवक का नाम निशांत अग्रवाल बताया गया है और यह नागपुर में डीआरडीओ की यूनिट में काम करता है.

नागपुर स्थित डीआरडीओ में यूपी एटीएस ने एक कर्मचारी को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है

नई दिल्ली : देश के सुरक्षा प्रतिष्ठान में एक बड़ी चूक उजागर हुई है. उत्तर प्रदेश के आतंक निरोधी दस्ते ने नागपुर स्थित ब्रह्मोस यूनिट ने एक कर्मचारी को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार युवक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट बताया गया है. इस गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है.

जानकारी के मुताबिक, यूपी एटीएएस और महाराष्ट्र पुलिस की एक यूनिट ने मिलकर इस मामले का खुलासा किया है. गिरफ्तार युवक का नाम निशांत अग्रवाल बताया गया है और यह नागपुर में डीआरडीओ की यूनिट में काम करता है. बताया जा रहा है कि गिरफ्तार युवक ने पाकिस्तान को कई खुफिया जानकारी मुहैया कराई हैं.

जांच एजेंसी इस पूरे मामले की पड़ताल कर रही हैं और पता लगाया जा रहा है कि गुप्त सूचनाएं लीक करने के इस षड़यंत्र में निशांत के साथ कोई और कर्मचारी तो नहीं है. यह भी पता लगाया जा रहा है कि गिरफ्तार युवक ने किन-किन जानकारियों को दुश्मन देश के हाथों में पहुंचाया है. 

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BrahMos की ताकत से घबराया पाकिस्तान
ब्रह्मोस, भारत और रूस के द्वारा विकसित की गई अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है और इसने भारत को मिसाइल तकनीक में अग्रणी देश बना दिया है. ब्रह्मोस एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है. ब्रह्मोस की विशेषता यह है कि इसे जमीन से, हवा से, पनडुब्बी से, युद्धपोत से यानी कि लगभग कहीं से भी दागा जा सकता है. रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया (NPO Mashinostroeyenia) तथा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है. यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है.

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इस मिसाइल का समुद्र और जमीन से सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है तथा भारतीय सेना एवं नौसेना को सौंपा जा चुका है. ब्रह्मोस नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है. क्रूज़ मिसाइल उसे कहते हैं जो कम ऊंचाई पर तेजी से उड़ान भरती है और इस तरह से रडार की आंख से बच जाती है. 

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विशेषताएं
- यह हवा में ही अपना रास्ता बदल सकती है और चलते फिरते लक्ष्य को भी भेद सकती है.
- इसको वर्टिकल या सीधे कैसे भी प्रक्षेपक से दागा जा सकता है.
- यह मिसाइल तकनीक थलसेना, जलसेना और वायुसेना तीनों के काम आ सकती है.
- यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सकती है और रडार की पकड़ में नहीं आती है.
- यह मिसाइल 1200 यूनिट ऊर्जा पैदा कर अपने लक्ष्य को तहस नहस कर सकती है.
- BrahMos मिसाइल की गति ध्वनि की गति से करीब तीन गुना अधिक है.
- आम मिसाइलों के विपरित यह मिसाइल हवा को खींच कर रेमजेट तकनीक से ऊर्जा प्राप्त करती है.
- यह रडार ही नहीं किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा देने में सक्षम है. इसको मार गिराना लगभग असम्भव है.
- ब्रह्मोस अमरीका की टॉम हॉक से लगभग दुगनी अधिक तेजी से वार कर सकती है, इसकी प्रहार क्षमता भी टॉम हॉक से अधिक है.
- मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर है और यह 300 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री अपने साथ ले जा सकता है.

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