Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot: मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन बतौर पर्यवेक्षक राजस्थान में डेरा डाले हुए हैं. सूबे में मची सियासी उठापटक पर अजय माकन का बयान सामने आया है.
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Rajasthan Politics: राजस्थान में सियासत पल-पल बदल रही है. गहलोत गुट के विधायक प्रदेश की कमान सचिन पायलट को देने की चर्चा से नाराज हैं. करीब 92 विधायकों ने इस्तीफा तक दे दिया है. मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन बतौर पर्यवेक्षक राजस्थान में डेरा डाले हुए हैं. सूबे में मची सियासी उठापटक पर अजय माकन का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, मल्लिकार्जुन खड़गे और मैं यहां एआईसीसी पर्यवेक्षकों के रूप में सीएम की सुविधा के मुताबिक उनके आवास पर बैठक करने आए थे. जो विधायक हमसे बात करने नहीं आए उन्हें हम लगातार बात करने को कह रहे हैं.
माकन बोले- ये अनुशासनहीनता
माकन ने कहा, 'पार्टी विधायकों की बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछकर उनके आवास पर रखी गई थी. उन्होंने कहा कि बैठक शाम 7 बजे हो, लिहाजा उनकी सहूलियत के हिसाब से इसको तय किया गया. जो विधायक नहीं आए, उनको हम लगातार कह रहे हैं कि मैं और मल्लिकार्जुन खड़गे उनकी बात वन टू वन सुनेंगे. फिलहाल कोई फैसला नहीं हो रहा है. जो आप आप कहेंगे, वो हम जाकर दिल्ली बताएंगे.'
माकन ने आगे कहा, 'प्रताप खाचरिवास, शांति धारीवाल और सीपी जोशी अशोक गहलोत के नुमाइंदे के तौर पर हमारे पास आए. उन्होंने तीन शर्तें रखीं. सबसे पहले उन्होंने कहा, बेशक आप अगर कांग्रेस अध्यक्ष के ऊपर फैसला छोड़ने का प्रस्ताव पेश करना चाहते हैं तो ठीक है लेकिन उस पर फैसला 19 अक्टूबर के बाद होना चाहिए. हमने कहा कि अशोक गहलोत प्रस्ताव लाते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष के ऊपर चीजें छोड़ी जा रही हैं तो अब अशोक गहलोत खुद कह चुके हैं कि वे कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हैं तो 19 अक्टूबर के बाद जब वो खुद अध्यक्ष बनेंगे तो अपने ही लाए प्रस्ताव पर अपने आप को ही सशक्त बना रहे हैं तो ये हितों का टकराव होगा.'
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्राथमिक दृष्टि से यह अनुशासनहीनता है कि पार्टी की बैठक बुलाई गई है और कोई उसी के समानांतर गैर-आधिकारिक बैठक बुलाता है तो इसको अनुशासनहीनता कहा जाएगा. अब इस पर देखेंगे कि क्या हो सकता है.
नेताओं पर हो सकता है एक्शन
वहीं सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम में कई नेताओं पर गाज गिर सकती है. अनुशासनहीनता को लेकर कई नेताओं पर एक्शन लिया जा सकता है. बैठक को लीड करने वाले 3 बड़े नेताओं के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्यवाही हो सकती है.
सीपी जोशी सीएम की रेस में नहीं
वहीं मंत्री शांति धरीवाल ने कहा कि सीपी जोशी मुख्यमंत्री की रेस में शामिल नहीं हैं. उनका नाम जबरदस्ती चलाया गया. एक माहौल बनाने की कोशिश की गई. वहीं कांग्रेस विधायक अमीन ख़ान ने कहा कि अशोक गहलोत पार्टी के सच्चे सिपाही हैं. उन्हें पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए हम इसका स्वागत करते हैं. लेकिन पार्टी आलाकमान एक लाइन का प्रस्ताव भेजकर अगर मुख्यमंत्री किसी और को बनाना चाहे तो ये मंजूर नहीं होगा. जिन लोगों ने ख़रीद फ़रोख़्त के ज़रिए सरकार को गिराने की साज़िश रची उन्हें हम मंज़ूर नहीं करेंगे.
बीजेपी ने बोला हमला
वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, ये राजस्थान के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. कांग्रेस कमज़ोर हुई और प्रदेश को नुकसान हुआ. किसानों की आत्महत्या, बेरोजगारी, बलात्कार, भ्रष्टाचार ये सब इस सरकार की बानगी है. इन सबसे राज्य की जनता का नुकसान हुआ है. यह कांग्रेस का आपसी मसला है पर पार्टी के लिए चिंता का विषय है. हम नवरात्रि में प्रार्थना करते हैं कि ऐसी सरकार से बचाए.