Italy News: ऐसे लाल घेरे को देखना काफी मुश्किल होता है क्योंकि ये कुछ मिलीसेंकेंड्स में खत्म हो जाते हैं. कभी कभार ही यह एक-दो सेकेंड तक रह पाते हैं. आमतौर पर इन्हें सैटेलाइट के जरिए ही देखा जा सकता है. 1990 में नासा के स्पेस शटल में लगे कैमरे पहली बार इसे कैप्टर किया था.
Trending Photos
Italy: इटली के आसमान में 27 मार्च की रात को एक ऐसा नजारा दिखा जिसे देख लोग हैरान रह गए. आकाश में एक विशाल लाल रंग का दिखने में किसी साइंस फिक्शन फिल्म जैसा लग रहा था. हालांकि ज्यादा लोग इसे नहीं देख पाए क्योंकि यह लाल छल्ला कुछ ही सेकेंड्स तक रहा.
नेचर फोटोग्राफर वाल्टर बिनोटो उत्तरी इटली के पोसाग्नो शहर के ऊपर आकाश में चमकदार प्रभामंडल का एक शॉट लेने में कामयाब रहे. हालांकि, लाल घेरा वास्तव में शहर के ऊपर स्थित नहीं था. विशाल घेरा, जो लगभग 224 मील (360 किलोमीटर) व्यास का था, मध्य इटली और एड्रियाटिक सागर के ऊपर फैला था.
किस वजह से बना था लाल घेरा
स्पेसवेदर डॉट कॉम के मुताबिक यह लाल रंग का घेरा इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स की वजह से बना था. जिसकी फ्रिक्वेंसी बहुत कम थी. इसे शॉर्ट फॉर्म में ELVE कहते हैं.
ELVE वायुमंडल के स्ट्रैटोस्फेयर या मीसोफेरिक इलाके में जटिल तूफानों से निकलने वाला इलेक्ट्रिफिकेशन है, जिसे SPRITE कहते हैं.
इन्हें देखना काफी मुश्किल होता है क्योंकि ये कुछ मिलीसेंकेंड्स में खत्म हो जाते हैं. कभी कभार ही यह एक-दो सेकेंड तक रह पाते हैं. आमतौर पर इन्हें सैटेलाइट के जरिए ही देखा जा सकता है. 1990 में नासा के स्पेस शटल में लगे कैमरे पहली बार इसे कैप्टर किया था.
बिनोटो ने ली हैं ऐसी कई फोटो
Spaceweather.com के अनुसार बिनोटो द्वारा खिंची गई नई तस्वीर संभवतः ‘जमीन से किसी के द्वारा ली गई अब तक की सबसे अच्छी तस्वीर’ हो सकती है. बिनोटो का मानना है कि ELVE का उत्पादन एंकोना के पास एक बड़े झंझावात से उत्पन्न ईएमपी द्वारा किया गया था, जो पोसाग्नो से लगभग 174 मील (280 किमी) दक्षिण-पूर्व में एक शहर है।
बिनोटो ने 2019 में के बाद से सैकड़ों ईएलवीई और अन्य प्रकार की क्षणिक चमकदार घटनाओं (टीएलई) की तस्वीरें खींची हैं. उन्होंने स्पेसवेदर डॉट कॉम को बताया कि यह ‘सबसे बड़ी संरचनाओं में से एक’ है जिसे उन्होंने कभी देखा है.
हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com- सबसे पहले, सबसे आगे