Jammu Kashmir: कश्मीर में मात मिली तो किया जम्मू का रुख, आतंकियों के नापाक इरादे का बड़ा खुलासा
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Jammu Kashmir: कश्मीर में मात मिली तो किया जम्मू का रुख, आतंकियों के नापाक इरादे का बड़ा खुलासा

Jammu Kashmir News: कश्मीर में विफल होने के बाद सीमा पार पाकिस्तान समर्थित आतंकी हैंडलरों ने जम्मू क्षेत्र में विभाजन पैदा करने और सांप्रदायिक तनाव भड़काने का प्रयास किया.

Jammu Kashmir: कश्मीर में मात मिली तो किया जम्मू का रुख, आतंकियों के नापाक इरादे का बड़ा खुलासा

Jammu Kashmir News: कश्मीर में विफल होने के बाद सीमा पार पाकिस्तान समर्थित आतंकी हैंडलरों ने जम्मू क्षेत्र में विभाजन पैदा करने और सांप्रदायिक तनाव भड़काने का प्रयास किया. सुरक्षाबलों द्वारा कश्मीर घाटी में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों की लक्षित हत्याओं के लिए जिम्मेदार मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के बाद आतंकवादी हैंडलरों ने अपना ध्यान जम्मू पर केंद्रित कर लिया है. वे क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का इरादा रखते हैं.

पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संचालकों ने 1990 के दशक में भी इसी तरह की कार्यप्रणाली अपनाई थी और डोडा जिले तथा राजौरी और पूंछ के सीमांत जिलों, रियासी में निर्दोष नागरिकों का नरसंहार हुआ था. अब जम्मू संभाग के सीमांत जिले राजौरी और पूंछ क्षेत्र में आतंकवादी हिंसा की लगातार घटनाएं और डोडा भदरवाह में आतंकवादी हमले संकेत दे रहे हैं कि आतंकवादियों ने कश्मीर संभाग से अपना आधार जम्मू संभाग में स्थानांतरित कर लिया है. 

नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के प्रयास भी किए गए और स्थानीय निवासियों को उनके घरों में घुसकर निशाना बनाया गया तथा क्षेत्र में आतंकवादियों द्वारा तीर्थ यात्रियों की हत्या की गई. एक ख़ुफ़िया रिपोर्ट से पता चलता है कि आतंकवादियों जम्मू में सांप्रदायिक तनाव को भड़काने के लिए एक विशेष समुदाय के अधिकतम नागरिकों को निशाना बनाने की योजना बनाई थी. डीजीपी जम्मू कश्मीर पुलिस ने भी स्वीकार किया कि आतंकवादियों की जम्मू प्रांत में सांप्रदायिक आग भड़काने की नापाक योजना थी क्योंकि इस क्षेत्र में मिश्रित आबादी है.

आर आर स्वैन डीजीपी जम्मू कश्मीर ने कहा कि हमारी ताकत का सबसे बड़ा स्रोत वे लोग हैं. आप जम्मू की तरफ देखे, वे आतंकवादी तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि वे इसे सांप्रदायिक बनाना चाहते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि मिश्रित आबादी है, मिश्रित लोग वहां रहते हैं और वे खलबली मचाना चाहते हैं, लेकिन हार जाते हैं क्योंकि वे ऐसा नहीं कर सकते. हमले हुए लेकिन दोनों समुदायों ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह आतंकवादी कृत्य है, यह हिंदू बनाम मुस्लिम नहीं है, यह आतंकवादियों का कृत्य है. यह आतंकवाद का शुद्ध कृत्य है और कोई भी मुस्लिम या इस्लाम इसका समर्थन नहीं करता है, यहां तक ​​कि हिंदू समुदाय ने इसे सांप्रदायिक बनने से रोका है, यही हमारी मुख्य ताकत है और मेरा मानना ​​है कि पुलिस बल जो मिश्रित है और न केवल हथियारों और गोला-बारूद से लैस है, बल्कि जनता के विश्वास और भारत सरकार और जम्मू कश्मीर सरकार के सुरक्षा ढांचे के साथ हम इसे हरा देंगे, हम पर कुछ नुक़सान हो सकता है लेकिन हम संभाल लेंगे.

आतंकवादी हैंडलर अब जम्मू और कश्मीर के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में सक्षम नहीं हैं और इसलिए वे आतंकवाद को जारी रखने के लिए क्षेत्र में अशांति पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं और सांप्रदायिक तनाव से उन्हें नए युवाओं को आतंकवादी रैंकों में भर्ती करने का मौका मिल सकता है. लेकिन जम्मू के लोगों ने जम्मू क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक सद्भाव दिखाते हुए सराहनीय काम किया है और सीमा पार बैठे आतंकी हैंडलरों की योजनाओं को विफल कर दिया है.

पूर्व डीजीपी डॉ. एसपी वैद, जिन्होंने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के चरम समय को देखा है, ने सुझाव दिया कि जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा ग्रिड के अधिकारियों को जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद को कुचलना चाहिए, जिसने अभी-अभी क्षेत्र में अपनी जड़ें मजबूत करना शुरू किया है और सुझाव दिया कि गांव की रक्षा समितियों को उनके गांवों में आतंकवादियों के खतरे का मुकाबला करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करके सशक्त बनाया जाना चाहिए.

एस पी वैद (पूर्व डीजीपी जम्मू कश्मीर) ने कहा  "जम्मू को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि इसकी आबादी मिश्रित है और आतंकवादियों को पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण इलाके का फायदा मिलता है कश्मीर एक प्लेन क्षेत्र है और इसमें ( जम्मू ) कनेक्टिविटी की समस्या ज्यादा है सड़कें नहीं हैं और मिश्रित आबादी है इसलिए तीर्थ यात्रियों पर हमला किया गया ताकि इसका प्रतिक्रिया हो और मुस्लिम हिंदू लड़ें, समुदायों के बीच विभाजन पैदा करना पाकिस्तान की हमेशा से नीति रही है, लेकिन पाकिस्तान सफल नहीं होगा क्योंकि भारत और जम्मू कश्मीर के लोग पाकिस्तान की नीतियों को समझते हैं. कई मंदिरों पर केवल इसी कारण से हमला किया जाता है जैसे अक्षरधाम और रघुनाथ मंदिर पर पहले हमला किया गया था इसका ( पाकिस्तान ) इरादा है कि बहुसंख्यक समुदायों का प्रतिक्रिया मुस्लिम समुदाय पर हो लेकिन पाकिस्तान सफल नहीं होगा. इरादा सांप्रदायिक तनाव को जन्म देना है और दो समुदाय को लड़ाना. वीडीसी ग्राम रक्षा समिति की महत्वपूर्ण भूमिका है, वे स्थानीय हैं, वे क्षेत्र को जानते हैं और मददगार हो सकते हैं”

पाकिस्तान और आतंकी हैंडलर जम्मू के लोगों को धर्म के आधार पर बांटना चाहते थे और जम्मू में अशांति पैदा करना चाहते थे, जिसका निश्चित रूप से कश्मीर घाटी पर भी असर पड़ता, जहां हज़ारों पर्यटक, हजारों बाहरी लोग, मजदूर या कर्मचारी के रूप में मौजूद हैं.

विशेषज्ञों मानते है कि पाकिस्तान के अंदर की आंतरिक स्थिति के कारण, उनकी अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है और लोग गरीबी में जी रहे हैं. पाकिस्तान में नागरिकों ने अपना सिर उठाना शुरू कर दिया है और पाक सेना की नीतियों पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है. पाकिस्तान सेना तनाव में है. इसलिए अपने लोगों का ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तान सेना जम्मू-कश्मीर के अंदर और अधिक अशांति पैदा करने की कोशिश कर रही है.

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