Swami Prasad on Ramcharitmanas: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य इन दिनों श्रीरामचरितमानस पर अटैक कर सनातन धर्म के अपमान के नए रिकॉर्ड बनाने में लगे हैं. उनके समर्थकों ने न केवल महंत राजू दास के साथ धक्कामुक्की की बल्कि स्वामी प्रसाद ने विक्टिम कार्ड खेलते हुए खुद ही महंत के खिलाफ तहरीर भी दे दी.
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Swami Prasad Maurya's controversy over Ramcharitmanas: महंत राजू दास (Mahant Raju Das) ने समाजवादी पार्टी के विवादित नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर कई गई अपनी टिप्पणी को वापस ले लिया है. उन्होंने ZEE NEWS पर अपने बयान के लिए खेद प्रकट किया और कहा कि जो उनके बयान से आहत हैं, वे उनसे माफी मांगते हैं. हालांकि उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) से माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया. महंत राजू दास ने कि एक खास वर्ग में अपनी राजनीतिक जमीन हासिल करने लिए स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार सनातन धर्म को टारगेट कर रहे हैं. इस मुद्दे पर झुकने का कोई सवाल ही नहीं है.
टीवी चैनल पर हुई थी गर्मागरम बहस
बताते चलें कि लखनऊ में एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) और हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास के बीच गर्मा-गर्म बहस हो गई थी. इस बहस की शुरुआत महंत राजूदास के एक ट्वीट से हुई जिसमें ये कहा गया था कि स्वामी प्रसाद मौर्य टीवी डिबेट में तब आएंगे जब राजूदास (Mahant Raju Das) नहीं आएंगे. इसके बाद जब स्वामी प्रसाद मौर्य कार्यक्रम में आए तो उन्होंने हिंदू धर्म से जुड़े देवी देवताओं का अपमान शुरू कर दिया. इसी के बाद महंत राजूदास, स्वामी प्रसाद मौर्य पर भड़क गए.
टीवी कार्यक्रम खत्म हुआ, तो बहस इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि होटल लॉबी में स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के समर्थकों ने महंत राजूदास से हाथापाई तक की. इसका 10 सेकेंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक राजूदास (Mahant Raju Das) को खींच रहे हैं, उनसे बदसलूकी कर रहे हैं. जबकी वहां पर पुलिसकर्मी भी मौजूद थे.
मौर्य समर्थकों ने महंत राजू दास से की धक्कामुक्की
मौर्य समर्थकों ने उनके पहले कपड़े पकड़कर खींचे उसके बाद धक्का मुक्की की. महंत राजूदास के मुताबिक ये सबकुछ स्वामी प्रसाद के भड़काने के बाद शुरू हुआ, यानी उनके इशारे पर किया गया. ये सारा हंगामा होने के बाद स्वामी बनाम संत का मुद्दा राजनीतिक हो गया. स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसके बाद महंत राजूदास के खिलाफ ही पुलिस कमिश्नर को एक शिकायती पत्र लिखा.
इस पत्र में स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने हनुमान गढ़ी के महंत राजूदास पर गंभीर आरोप लगाए. उनके मुताबिक राजूदास और उनके समर्थकों ने उनपर तलवार और फरसा से हमला करने का प्रयास किया. उनके मुताबिक हथियारों के साथ होटल के अंदर हमला होना एक बड़ी साजिश थी. इस पत्र में उन्होंने राजूदास (Mahant Raju Das) के उस बयान का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्या को मारने वाले को 21 लाख रुपये देने की बात कही थी.
कमिश्नर को पत्र लिख विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश
पत्र के बहाने स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) खुद को पीड़ित बताने की कोशिश करते नजर आए, लेकिन जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें कहीं स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमले की कोशिश जैसा कुछ नजर नहीं आया है. इस वीडियो में तो उल्टा स्वामी प्रसाद मौर्या के समर्थक, महंत राजूदास के साथ मारपीट करते दिख रहे हैं. मुमकिन है कि स्वामी प्रसाद मौर्या को ये मालूम था, इसीलिए उन्होंने एक दक्ष राजनेता की तरह पहले ही कमिश्नर को पत्र लिख दिया और पत्रकारों को बुलवाकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर दी.
महंत ने स्वामी प्रसाद पर उतारा गुस्सा
इसके बाद एक न्यूज चैनल से बात करते हुए महंत राजू दास (Mahant Raju Das) ने स्वामी प्रसाद (Swami Prasad Maurya) पर जमकर गुस्सा उतारा. उन्होंने कहा, मौर्य शुद्ध रूप से राजनीतिक गुंडा हो गया है. वो अब खुली गुंडई पर उतारू हो गया है. हम सहिष्णु हो गए हैं और हम कुछ बोलते नहीं हैं, जिसका वो फायदा उठा रहा है. मैं पूछना चाहता हूं कि डेनमार्क में कुरान पर कार्टून बनने पर 9 लोगों की हत्या कर दी जाती है लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार भी उसके बारे में नहीं बोलते. बार-बार सनातन संस्कृति का मजाक उड़ाना, हिंदू धर्म और संतों पर टीका-टिप्पणी करना. साधु-संतों को आतंकी कहना ठीक नहीं है. उनकी राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है, इसलिए वे अब शुद्ध रूप से सनातम धर्म को टारगेट करने में लग गए हैं.'
विवादों की नई ऊंचाइयां छू रहे स्वामी प्रसाद
बताते चलें कि यूपी की करीब करीब हर बड़ी राजनीतिक पार्टी का हिस्सा रहे नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की. स्वामी जी आजकल श्रीरामचरितमानस की चौपाइयों के महाज्ञाता की तरह व्यवहार कर रहे हैं. इसी वजह से वो विवादों में है. हिंदु धर्म के पवित्र ग्रंथ श्रीरामचरितमानस की कुछ चौपाइयों का, उन्होंने अपना ही अनोखा मतलब निकाल लिया. इसके बाद समाज में नफरती भाषण देकर अब चर्चा का विषय बने हुए हैं.
अपनी जातिवादी राजनीति चमकाने के लिए इन चौपाइयों के बहाने वो श्रीराम और श्रीरामचरितमानस दोनों का ही अपमान कर रहे हैं. केवल वो ही नहीं, बल्कि उनके समर्थकों ने तो हाल ही में श्रीरामचरितमानस की प्रतियां तक जला दी थीं. इसको लेकर उनपर कानूनी कार्रवाई भी की गई. लेकिन अब स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) विवादों की नई ऊंचाइयां छू रहे हैं.
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