Only Indian state without Railways: सिक्किम के लोग अब तक सड़क और हवाई मार्ग से ही यात्रा करते थे. जल्द ही उन्हें रेलवे के रूप में तीसरी कनेक्टिविटी मिलने वाली है. जी हां, पीएम मोदी आज वर्चुअल रूप से सिक्किम के पहले रेलवे स्टेशन की आधारशिला रखेंगे.
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Indian Railways in Sikkim: शायद आपको लगता होगा कि देश के हर राज्य तक ट्रेनें पहुंचती होंगी, पर असल में ऐसा नहीं है. भारत के नक्शे में खूबसूरत सिक्किम राज्य पर नजर दौड़ाइए. यहां अभी रेलवे नहीं पहुंची है. जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राज्य के पहले रेलवे स्टेशन की आधारशिला रखेंगे. सिक्किम 16 मई 1975 को भारत का हिस्सा बना और राजतंत्र की समाप्ति के बाद यह देश का 22वां राज्य बना.
अब तक क्यों नहीं पहुंची ट्रेन?
सिक्किम जाने वाले लोगों को जल्द ही रेलवे का रास्ता भी मिलने वाला है. अभी तक राज्य में रेलवे लाइन न होने की सबसे बड़ी वजह ऊंचे पहाड़ों का होना है. पहाड़ों में कई सुरंगें बनानी पड़ी है और यह काम आसान नहीं है. अब रेल लाइन पहुंचाई जा रही है.
तीन फेज में पूरा मिशन
अलीपुरद्वार के डिप्टी रेलवे मैनेजर अमरजीत अग्रवाल ने बताया है कि बॉर्डर स्टेट होने के कारण रंगपो स्टेशन टूरिस्ट और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. अधिकारी ने कहा कि वास्तव में सिक्किम में रेलवे लाइन नहीं है. सरकार ने तीन चरणों में इस प्रोजेक्ट की तैयारी शुरू की है. पहले चरण में सेवोक से रंगपो रेल प्रोजेक्ट, दूसरे चरण में रंगपो से गंगटोक और तीसरे चरण में गंगटोक से नाथूला तक काम पूरा किया जाएगा.
सिक्किम के पहले रेलवे स्टेशन का निर्माण सिवोक-रंगपो रेलवे प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा, जिसे अक्टूबर 2009 में शुरू किया गया था. इस रेल लाइन प्रोजेक्ट की लंबाई करीब 45 किमी है जो पश्चिम बंगाल के सिवोक से सिक्किम के रंगपो को जोड़ती है.
पहला अंडरग्राउंड हाल्ट
- इस लाइन पर कुल पांच स्टेशन होंगे, जिसमें एक तीस्ता बाजार भी होगा. तीस्ता बाजार भारत का पहला अंडरग्राउंड हाल्ट स्टेशन हो सकता है. इस लाइन पर बाकी चार ओपेन क्रॉसिंग स्टेशन- सिवोक, रियांग, मेल्ली और रंगपो होंगे.
- प्रोजेक्ट डायरेक्टर मोहिंदर सिंह ने बताया कि 45 किमी में से साढ़े तीन किमी सिक्किम में और 41.5 किमी हिस्सा पश्चिम बंगाल में है. उन्होंने आगे कहा, 'तीस्ता बाजार स्टेशन एक भूमिगत रेलवे स्टेशन होगा.'
- अधिकारी ने कहा कि भारतीय रेलवे में, खासतौर से ब्रॉड गेज में यह पहला भूमिगत रेलवे स्टेशन है. यह स्टेशन बहुत ही प्रासंगिक है क्योंकि तीस्ता बाजार दार्जिलिंग को गंगटोक से जोड़ता है. इससे उन यात्रियों के लिए काफी सुविधाजनक हो सकता है जो दार्जिलिंग या गंगटोक जाना चाहते हैं.
- इस परियोजना में 14 सुरंगें, 13 बड़े 9 छोटे पुल शामिल हैं.
#WATCH | Sevoke, West Bengal: On the first railway project from Sevoke to Rangpo, Project Director Mohinder Singh says, "The Sevoke station is being upgraded under this project. Now it will have four platforms with five railway lines...The Sevoke-Rangpo project is 45 km long, out… https://t.co/bHszpFslgF pic.twitter.com/jdHmUtEY6b
— ANI (@ANI) February 25, 2024
45 किमी लंबे रूट में सुरंगों, पुलों के साथ-साथ स्टेशन यार्ड शामिल है. कुल 44.96 किमी लंबाई में 38.65 किमी (86%) में सुरंगें हैं जबकि 2.24 किमी (5 प्रतिशत) पुल हैं. सुरंग बनाने का काम नई NATM (न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड) तकनीक का उपयोग करके किया गया है. वैसे यह काम इसी साल तक पूरा होना था लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण कुछ देरी हुई है. बहरहाल, सिक्किम के लिए करीब 50 साल लंबा ट्रेन का इंतजार जल्द ही खत्म हो सकता है. (ANI इनपुट के साथ)