Sikkim Cloudburst: सिक्किम में कुदरत का प्रलय, 22 जवानों समेत 70 लोग लापता; 48 घंटे के लिए अलर्ट जारी
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Sikkim Cloudburst: सिक्किम में कुदरत का प्रलय, 22 जवानों समेत 70 लोग लापता; 48 घंटे के लिए अलर्ट जारी

Cloudburst In Sikkim: सिक्किम (Sikkim) से लेकर पश्चिम बंगाल तक बारिश और बाढ़ की दहशत है. सड़कें नदियों में समा गई हैं. इस बीच, मौसम विभाग ने सिक्किम के साथ आस-पास के राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.

Sikkim Cloudburst: सिक्किम में कुदरत का प्रलय, 22 जवानों समेत 70 लोग लापता; 48 घंटे के लिए अलर्ट जारी

Sikkim Flood Update: सिक्किम (Sikkim) के लिए अगले 48 घंटे भारी हैं. मौसम विभाग (IMD) ने दो दिनों के लिए सिक्किम में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. यही नहीं बिहार, बंगाल, मेघालय, असम और झारखंड में भी भारी बारिश हो सकती है. सिक्किम में बुधवार को जो तबाही आई उसने 14 लोगों की जान ले ली और अब भी सेना के 22 जवानों समेत करीब 70 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है. बादल फटने के बाद के जलजले का जख्म हर ओर दिखाई दे रहा है. तीस्ता नदी का प्रलयकारी बहाव अपने साथ सबकुछ बहा ले जाने पर आमादा है. लेकिन ये तबाही की बानगी भर थी. आने वाले कुछ घंटों में फिर से वही सैलाब का सितम दिख सकता है. मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए अलर्ट जारी किया है.

सिक्किम में तबाही का मंजर

बता दें कि रात के अंधेरे में बादल फट और सुबह जब उजाला हुआ चारों तरफ तबाही के निशान बिखरे पड़े थे. सैलाब के आगे जो आया वो बहने लगा. जहां तक नजरें जा रही हैं सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है. जानकारी के मुताबिक, ल्होनक झील के ऊपर देर रात करीब डेढ़ बजे के आसपास बादल फटा, इसके बाद लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई. नदी का जलस्तर अचानक 15 से 20 फीट तक बढ़ गया. इसके बाद नदी से लगे आसपास के इलाकों में पानी भर गया. कई घरों में भी नदी का पानी घुस आया.

काल बनकर आया तीस्ता नदी का पानी

ऐसा लगता है जैसे तीस्ता नदी का पानी काल बनकर आया. नदी से लगे इलाके में ही आर्मी कैंप था जो बाढ़ की चपेट में आने के बाद बह गया और यहां खड़ी कई गाड़ियां डूब गईं. 17 सितंबर और 28 सितंबर को ली गई तस्वीरों में ल्होनक झील का क्षेत्रफल 162.7 और 167.4 हेक्टेयर दिखाई देता है. वहीं त्रासदी के बाद की तस्वीर से पता चलता है कि झील का क्षेत्रफल आधे से कम बचा है और अब इसमें लगभग 60.3 हेक्टेयर इलाके में पानी दिख रहा है. यानी ल्होनक झील के 105 हेक्टेयर में भरा पानी बह गया और तेज रफ्तार से यही पानी सिक्किम के निचले इलाकों में गया, जिससे भयंकर तबाही मची. वहीं, सैलाब में लापता लोगों को खोजने के लिए सेना की ओर से रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है जबकि 4 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बचाया जा चुका है.

बह गया नेशनल हाइवे

तीस्ता नदी में जल स्तर बढ़ने से कलिम्पोंग, दार्जिलिंग, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. सिक्किम और देश के बाकी हिस्सों के बीच मुख्य संपर्क नेशनल हाइवे-10 भी कई जगहों पर बह गया है. भारी बारिश की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है और आगे भी बहुत ज्यादा भारी बारिश होने की आशंका है. सिक्किम में बिगड़े हालात के बीच सीएम प्रेम सिंह तमांग भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव का जायजा लेने पहुंचे. मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज करने के निर्देश दिए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से बातचीत की, उन्हें मदद का भरोसा दिया.

वहीं शिक्षा विभाग की ओर से मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में स्थित सभी स्कूल आठ अक्टूबर तक बंद कर दिए गए हैं. सिक्किम में भयंकर बाढ़ की वजह से कई पुल ध्वस्त हो गए. जहां कल तक सड़कें थीं वो आज नदी बन गई हैं और बादल फटने से आई तबाही ने सिक्किम के लोगों को कभी ना भूलने वाला दर्द दे दिया है.

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