उदयपुर में सजा धर्म सभा का मंच, बागेश्वर धाम और कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने हिन्दुओं को दिए ये मंत्र
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उदयपुर में सजा धर्म सभा का मंच, बागेश्वर धाम और कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने हिन्दुओं को दिए ये मंत्र

Udaipur news: उदयपुर में  हिन्दू नववर्ष के अवसर पर  धर्म सभा का आयोजन पर  बाघेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पीठाधीश धिरेन्द्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) और कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर (Devki nandan thakur) और मेवाड के संत उत्तम स्वामी ने संबोधित किया.

उदयपुर में सजा धर्म सभा का मंच, बागेश्वर धाम और कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने हिन्दुओं को दिए ये मंत्र

Udaipur news: उदयपुर में शुक्रवार को हिन्दू नववर्ष के अवसर पर विशाल शोभायात्रा और धर्म सभा का आयोजन किया गया. शहर के गांधी ग्राउंड में आयोजित हुई धर्म सभा को बाघेश्वर धाम  (Bageshwar Dham) के पीठाधीश धिरेंद्र शास्त्री  (Dhirendra Shastri) और कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर (Devki nandan thakur)और मेवाड के संत उत्तम स्वामी ने संबोधित किया. इस दौरान साधु-संतों ने हिन्दूस्तान को जल्द से जल्द हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग उठाई.

 समाज को संगठित होने का किया आहवान

भारतीय नववर्ष समाजोत्सव समिति और नगर निगम की ओर से उदयपुर में गुरुवार को आयोजित विशाल धर्मसभा में बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेन्द्र शास्त्री   (Dhirendra Shastri) , प्रख्यात कथा मर्मज्ञ पंडित देवकीनंदन ठाकुर  (Devki nandan thakur) और पंच अग्नि अखाड़ा के महामण्डलेश्वर उत्तम स्वामी महाराज ने सभा में उपस्थित जन समूह को सामाजिक समरसता का संकल्प कराया. तीनों ही संतों ने समाज को संगठित होने, जाति-पाति खत्म करने, सनातन परम्पराओं का पालन करने, नियमित रूप से मंदिर जाने, हनुमान चालीसा का पाठ करने, साथ में भोजन और साथ में भजन परिवार के साथ करने का आह्वान किया.

बागेश्वर धाम  (Bageshwar Dham)  ने कहा

धर्मसभा में बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने उपस्थित लोगों से आह्वान किया कि हिन्दुओं को जातियों में बंटना बंद करना होगा. हमें एक होना होगा. भले ही जातियां अनेक हों लेकिन हम सब हिन्दू एक हैं. उन्होंने उपस्थित समाज को दोनों हाथ उठवाकर भगवान श्री सीताराम व हनुमान जी की शपथ दिलवाई कि आज के बाद हम हिन्दू एक हैं, जाति में नहीं बंटेंगे, राम-कृष्ण का विरोध करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देंगे, हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं होने तक चैन से नहीं बैठेंगे.

अपने उद्बोधन का आरंभ उन्होंने वीरता और शौर्य की धरती को प्रणाम के साथ करते हुए कहा कि यहां की माताएं-बहनें ही नहीं, अश्व चेतक और गज रामप्रसाद भी वीर हैं. महारानी हाड़ी रानी धन्य हैं जिन्होंने सोचा कि यदि उनके पति का चित्त उनमें ही लगा रहा तो युद्ध कैसे जीतेंगे. यह सोचकर उन्होंने अपना सिर काटकर निशानी के रूप में भेज दिया. यह वह शौर्य भूमि है जहां माताओं-बहनों ने अग्नि स्नान किया है.

धर्मसभा को संबोधित करते हुए पंडित देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि महाराणा प्रताप की धरती पर कन्हैया जैसे गरीब का गला रेत दिया जाता है. शैतानी तालिबानी मानसिकता यहां तक कैसे पहुंची, इस पर विचार करना होगा. उन्होंने सवाल उठाया कि अब तक कन्हैया के हत्यारों को सजा क्यों नहीं हुई. उन्होंने कहा कि हिन्दू संस्कृति किसी को मारती नहीं, लेकिन कोई उस पर प्रहार करे तो वह उसे स्वीकार नहीं करती.

पंडित देवकीनंदन (Devki nandan thakur)  ने कहा 

पंडित देवकीनंदन ने कहा कि सनातनी बच्चा सनातनी परिवार से ही विवाह करे, इसके लिए सरकार कानून पास करे. उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण कानून हम दो हमारे दो को भी सभी पर समान रूप से लागू करने की बात कही. उन्होंने कहा कि आलस्य हिन्दुत्व की दुर्दशा का कारण है. परिस्थितियों को सहते रहने की प्रवृत्ति बन जाने के कारण हिन्दुत्व को आज जगाने का प्रयास करना पड़ रहा है. उन्होंने लव जिहाद को धर्म परिवर्तन का जरिया बताते हुए देश के लिए खतरा बताया. उन्होंने कहा कि लव जिहाद न घर में होना चाहिए, न गली में न अपने शहर में. उन्होंने भारत सरकार से इस पर सख्त कानून बनाने की आवश्यकता बताई.

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