टीचर के जाने पर फूट-फूटकर रोने लगे बच्चे, गले लगाकर कराती रही चुप
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टीचर के जाने पर फूट-फूटकर रोने लगे बच्चे, गले लगाकर कराती रही चुप

टोंक, उनियारा कस्बे के देवली ब्लॉक के चांदसिंहपुरा में विज्ञान शिक्षिका अल्का जांगिड़ की विदाई स्कूल के बच्चों के लिए दु:ख दाई बन गई. विदाई समारोह में मौजूद सभी स्टूडेंस रोने लगे. 

 

टीचर के जाने पर फूट-फूटकर रोने लगे बच्चे.

Tonk Uniara news: टोंक जिले के देवली ब्लॉक के चांदसिंहपुरा में विज्ञान शिक्षिका अल्का जांगिड़ की विद्यालय से विदाई के दौरान माहौल इतना भावुक हो गया कि वहां मौजूद हर किसी की रुलाई फूट पड़ी. इस दौरान एक से बारह कक्षाओं के विद्यार्थियों ने अपनी प्यारी शिक्षिका के लिए आसुओं की झड़ी लगा दी. स्कूल में आयोजित विदाई समारोह में बच्चे शनिवार सुबह से ही देर रात तक सिसकते रहे.

इस दौरान विद्यालय के शिक्षक ,अभिभावक और स्वयं गरिमा भी अपने आंसू रोक नहीं पाई और माहौल गमगीन बना दिया. बच्चों ने अपने चहेती शिक्षिका को कोई न कोई भेंट अवश्य दी. 

इस दौरन सामूहिक रूप से अल्का का सम्मान कर उन्हें मालाओं से भी लाद दिया गया. fallbackसंस्था प्रधान और पीईईओ नंदकिशोर मीना ने बताया कि विगत 8 वर्षों से विज्ञान विषय की वरिष्ठ अध्यापक के रूप मे राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चांदसिंहपुरा में सेवाएं दे रही अल्का जांगिड़ का कार्य, व्यवहार और आचरण इस कदर उत्कृष्ठ रहा कि उन्होंने हर किसी के दिल में जगह बना ली. उनकी शिक्षण शैली, अनुशासन ,सहनशीलता, धैर्य और बच्चों से लगाव अनुपम, अनुकरणीय प्रेरणादायक रहा.

सभी सरकारी योजनाओं की क्रियान्विति और आदेशों की पालना में समर्पित रहने के साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए नवाचार करती रही अल्का जांगिड़ ने एक श्रेष्ठ शिक्षिका की भूमिका अदा की है.

विद्यालय की शिक्षिका मंजू रानी और शारीरिक शिक्षक ओमप्रकाश जाट ने बताया कि अल्का जांगिड़ ने अपने गृह जिले जयपुर के लिए स्थानातरण के लिए अर्जी लगाई थी, एक आदेश के तहत फ़िलहाल उन्हें संयुक्त निदेशक कार्यालय जयपुर मंडल, जयपुर के लिए कार्यमुक्त कर शनिवार को देर शाम तक विदाई समारोह मनाया गया है.

 विद्यालय के खुशबू गुर्जर, शिवानी, टीना, सिमरन,तमन्ना रामसिंह,राजपाल, इगराम सहित दर्जनों विद्यार्थियों ने रोते हुए बताया कि अल्का मेम के जाने से चांदसिंहपुरा के स्कूल में अपूरणीय क्षति हुई है. अब विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषय के शिक्षण में भी बाधा आ रही है.

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दुःखद पहलू ये भी है कि उनको अंग्रेजी पढ़ाने वाली प्रिय शिक्षका गरिमा कंवरिया का भी एक माह पूर्व बीकानेर स्थानांतरण हो गया था, तब से अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षक का भी पद रिक्त रहा है. इसके लिए शिक्षा मंत्री से पदों को अविलंब भरने की मांग की गई है.

Reporter- Purshottam Joshi

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