Tonk News: टोंक जिले में जलभराव से 50 हजार हैक्टेयर फसलों को नुकसान हुआ है. इनमें एवरेज तीस प्रतिशत खराबा सामने आया है. सबसे ज्यादा खराबा मालपुरा, निवाई और पीपलू क्षेत्र में हुआ. यह खराबा कृषि विभाग की प्रारन्भिक रिपोर्ट में सामने आया है. फसल खराबे को लेकर किसानों ने मुआवजा देने की मांग की है.
उधर फ़सल खराबे को लेकर आज जयपुर से कृषि विभाग के अधिकारी खेतों में गए और फ़सल खराबे का जायजा लिया. इस दौरान अधिकारियों ने फ़सलों में कीट के प्रकोप को लेकर भी किसानों को कृषि पर्यवेक्षक की सलाह से दवाई छिड़कने को कहा.
ज्ञात रहे कि गत दिनों जिले ने अतिवृष्टि हुई है. इसके चलते फसलों को काफी नुकसान हुआ है. खेतों में पानी भर गया. इसके चलते किसानों को काफी नुकसान हुआ है. अभी भी फ़सलों में पानी भरा हुआ है. इसको लेकर कृषि विभाग ने कृषि पर्यवेक्षकों को सर्वें करने का निर्देश दिया. आज इसका सर्वें भी पूरा कर रिपोर्ट कृषि विभाग के जॉइंट डायरेक्टर वीरेंद्र सिंह सोलंकी को सौंप दी. इस रिपोर्ट में पचास हजार हैक्टेयर में फ़सल खराबा सामने आया है . इसकी रिपोर्ट जॉइंट डायरेक्टर ने जयपुर भेज दी है.
कृषि अधिकारी कजोड़ मल गुर्जर ने बताया कि कृषि विभाग टोंक एवं कृषि विज्ञान केन्द्र वनस्थली के वैज्ञानिको की टीम ने मंगलवार को दूनी क्षेत्र में दूनी, संथली, बंन्धली, गांधी ग्राम इत्यादि गांवों का दौरा कर फसलों का निरीक्षण किया एवं अति वृष्टि से जल भराव में पानी की निकासी करने का सुझाव दिया.
कृषि विज्ञान केन्द्र वनस्थली के इन्चार्ज एवं कृषि वैज्ञानिक बंशीधर चौधरी ने बताया कि उडद की फसल में पीत शिरा मोजेक रोग का प्रकोप दिखा है, जिसके लिए डायमिथोएट 30 ई सी का एक लीटर प्रति हैक्टैयर की दर से छिड़काव करने की सलाह दी है. साथ ही फ़सल खराबे के लिए भी बीमा कंपनी में क्लेम करने की सलाह दी.
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