Sirohi Crime News:आबूरोड में उड़ी नियमों की धज्जियां,बिना प्रशासन के परमिशन तैयार हो रही है बिल्डिंग
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Sirohi Crime News:आबूरोड में उड़ी नियमों की धज्जियां,बिना प्रशासन के परमिशन तैयार हो रही है बिल्डिंग

Sirohi Crime News:सिरोही जिले के आबूरोड के तलहती क्षेत्र में अवैध निर्माण जोरो पर चल रहे हैं. बिना कोई परमिशन के विभाग के नियमों की अनदेखी कर अवैध निर्माण जोरो पर किया जा रहा है. 

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Sirohi Crime News:सिरोही जिले के आबूरोड के तलहती क्षेत्र में अवैध निर्माण जोरो पर चल रहे हैं. बिना कोई परमिशन के विभाग के नियमों की अनदेखी कर अवैध निर्माण जोरो पर किया जा रहा है. आबूरोड के ब्रह्माकुमारी संस्था में अभी एक इमारत का निर्माण जोरो पर चल रहा है. बताया जा रहा है कि इस बिल्डिंग को बनाने को लेकर विभाग से कोई भी परमिशन नहीं लिया गई है.

नियमों को ताक पर रखकर इस बहुमंजिला इमारत का निर्माण करवाया जा रहा है.करीब 6 मंजिल की इस इमारत के निमार्ण के लिए कोई भी इजाजत विभाग से नही ली गई है. बिना इजाजत के ये बिल्डिंग का निर्माण हो गया. इसके अलावा आबूरोड के तलहटी क्षेत्र में अन्य स्थानों पर अन्य लोगों की तरफ से भी अवैध निर्माण जोरो पर किया जा रहा है. कई बहूमंजिला इमारतो का अवैध निर्माण यहां पर चल रहा है. 

तलहती क्षेत्र में यूआईटी कार्यालय के बिल्कुल सामने भी इसी प्रकार की एक व्यक्ति के द्वारा बहू मंजिलाई इमारत तैयार करवाई जा रही है .बताया जा रहा है कि इस बिल्डिंग की परमिशन के लिए बिना किसी यूआईटी सचिव या अध्यक्ष से पत्रावली पर परमिशन लिए बिना केवल आर्किटेक्ट के हस्ताक्षर से बहुमंजिला बिल्डिंग का निर्माण हो गया.

करीब एक दशक पहले राज्य सरकार की आमदनी बढ़ाने के लिए सिरोही जिले में बेसकीमती हो चुकी जमीनों के इलाके सिरोही जिले के आबूरोड में यूआईटी की स्थापना की गई थी. यूआईटी का मूल उद्देश्य लैंड कन्वर्जन और यहां बढ़ रही व्यवसाय गतिविधियों से सरकार का राजस्व बढ़ाना था. लेकिन यूआईटी कार्यालय के आसपास के तलहटी क्षेत्र में अवैध निर्माण और बिना कन्वर्टेड की गई जमीनों पर जिस तरह से निर्माण कार्य हो रहे हैं वह राज्य सरकार के उद्देश्यों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं.

राजस्थान सरकार द्वारा एक दशक पहले आबू रोड में यूआईटी की स्थापना की गई थी इसमें आबू रोड तथा माउंट आबू के ग्रामीण इलाकों को रखा गया था करीब डेढ़ दशक से यह इलाके जिले में व्यवसायिक गतिविधियों का केंद्र बन चुके हैं ऐसे में इन क्षेत्रों में निर्माण कार्य तेज गति से बढ़ रहे हैं कुछ जमीन है समिति के द्वारा कन्वर्ट की जा रही है और उससे राज्य सरकार को वोटिंग कमाई हो रही है कुछ जिम्मेदार लोग कन्वर्ट हो चुकी जमीनों पर यूआईटी से अनुमति लेकर आवासीय और व्यावसायिक निर्माण भी कर रहे हैं लेकिन इन सब के बीच मुट्ठी भर लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने व्यवस्था को धत्ता बैठा रखा है . 

यह लोग बिना अनुमति लिए मास्टर प्लान और बिल्डिंग बायलॉस के विपरीत निर्माण कार्य कर रहे हैं. इस तरह का निर्माण कार्य नए सिर्फ शहरी विकास में बाधा बन रहे हैं .बल्कि अवस्थित निर्माण लोगों के जान को जोखिम में भी डाल सकते हैं. बिना अनुमति के बना रहे व्यावसायिक भवनों की वजह से इस क्षेत्र में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग की वजह से पार्किंग की जबरदस्त समस्या आ चुकी है.

इसी तरह का निर्माण ब्रह्माकुमारी संस्थान के शांतिवन स्थित परिसर में भी हो रहा है. इस बहु मंजिला इमारत की यूआईटी के द्वारा अनुमति नहीं ली गई है. ब्रह्मकुमारी के चारों ओर संस्थान के अलावा दूसरे लोग भी इसी तरह बिना अनुमति लिए आवासीय एवं व्यावसायिक निर्माण करवा स्थिति यह है की नियोजित निर्माण की वजह से नई बसें इलाके में भी कॉलोनी में सड़कों की पर्याप्त चौड़ाई नहीं है .

इसकी वजह से हादसा होने की स्थिति में एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड तक अंदर नहीं घुस पाती है इस तरह के गैर नियोजित और अवैध निर्माण आबूरोड क्षेत्र में लोगों की जान को जोखिम बना सकते हैं सबसे महत्वपूर्ण चीज है कि जिस क्षेत्र में यह अवैध निर्माण हो रहे हैं इस क्षेत्र में इन निर्माण की अनुमति देने वाले विभाग यूआईटी का कार्यालय भी है उसके बावजूद निर्माण पर यूआईटी आंख मूंदे बैठी है.

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