Sawai madhopur news: रणथंभौर में स्वछंद विचरण करते बाघों को लेकर टाईगर सिटी के नाम से प्रसिद् सवाई माधोपुर शहर अब फूलों की महक से भी महकने लगा है. सरकार और उद्यान विभाग की पहल और मेहनत के चलते अब जिला मुख्यालय के फूल उत्कृष्ठता केंद्र में विभिन्न प्रजाति के फूलों की पैदावार हो रही है.
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Sawai madhopur: रणथंभौर में स्वछंद विचरण करते बाघों को लेकर टाईगर सिटी के नाम से प्रसिद् सवाई माधोपुर शहर अब फूलों की महक से भी महकने लगा है ,सरकार और उद्यान विभाग की पहल और मेहनत के चलते अब जिला मुख्यालय के फूल उत्कृष्ठता केंद्र में विभिन्न प्रजाति के फूलों की पैदावार हो रही है.
वहीं जिले में फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग द्वारा किसानों को प्रशिक्षण देने के साथ ही फूलों के पौधों की नई नई और विभिन्न प्रकार की प्रजाति उपलब्ध करवाई जा रही है. जिसके चलते अब सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय ही नही अपितु जिले के कई क्षेत्रों में फूलों की पैदावार बढ़ने लगो ओर फूलों की महक के साथ ही आमदनी बढ़ने से किसानों का जीवन भी महकने लगा है ,पेस सवाई माधोपुर से अरविंद चौहान की एक खास रिपोर्ट...
राजस्थान सरकार द्वारा फूलों की खेती को बढ़ावा देने को लेकर साल 2017 में सवाई माधोपुर में फूल उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की स्वीकृति जारी की गई थी ,जिसके दो साल बाद सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय पर फूल उत्कृष्टता केंद्र बनकर तैयार हो गया. जिसके बाद उद्यान विभाग द्वारा फूल उत्कृष्टता केंद्र में फूलों की खेती को लेकर नए नए प्रयोग किये जाने लगे और फूलों की खेती शुरू की गई. फूल उत्कृष्टता केंद्र में देसी और विदेशी किस्म के विभिन्न प्रजातियों के फूलों की खेती की जा रही है ,साथ ही खुले और पॉली शेड और ग्रीन हाउस में विभिन्न प्रजातियों के फूलों के पौधे तैयार किये जा रहे है.फूल उत्कृष्टता केंद्र पर की जा रही फूलों की खेती से सवाई माधोपुर की फिजा महकने लगी है .
वैसे तो वर्षों पूर्व सवाई माधोपुर के गुलाब बाग में गुलाब की खेती होती थी और यहाँ का गुलाब मुंबई तक जाता था ,कहा जाता है कि फ़िल्म अभिनेत्री आशा पारीक को यहाँ के गुलाब बाग का गुलाब खासा पसंद था ,लेकिन सीमेंट फैक्ट्री बंद होने के बाद समय के साथ साथ सवाई माधोपुर गुलाब बाग उजड़ गया और गुलाब की खेती बंद हो गई.लेकिन अब राज्य सरकार की पहल और उद्यान विभाग के अधिकारियों के प्रयास से एक बार फिर सवाई माधोपुर फूलों की महक से महकने लगा है.
उद्यान विभाग के उप निदेशक लखपत लाल मीणा ने बताया कि फूल उत्कृष्टता केंद्र में देसी विदेशी प्रजाति के विभिन्न प्रकार के सैकड़ों प्रजाति के पौधे तैयार किये जा रहे है ,साथ ही फूल उत्कृष्टता केंद्र परिसर में ही फूलों की खेती भी जा रही.इसके साथ ही जिले के किसानों को भी फूलों की खेती करने का प्रशिक्षण दिया जाता है ,ताकि फूलों की खेती के माध्यम से किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकें ,प्रशिक्षण के बाद जिले के कई इलाकों में कई किसान फूलों की खेती करने लगे है.फूल उत्कृष्टता केंद्र में रजनीगंधा, गुलाब, हजारा, गुलदाउदी ,आर्केड ,डच रोज,रजनीगंधा ,जरबेरा जैसे विभिन्न प्रकार के फूलों की खेती की जा रही है साथ ही पॉलीशेड और ग्रीन हाउस में कई प्रकार के देशी विदेशी फूलों के पौधे तैयार कर किसानों को उपलब्ध करवाए जा रहे है .
उद्यान विभाग के उपनिदेशक लखपत लाल मीणा ने बताया कि फूल उत्कृष्टता केंद्र पर दो किस्म के फूलों की खेती की जा रही है एक तो जो खुले में तैयार होते हैं ,जिनमें गुलाब रजनीगंधा ,डच रोज ,गुलदावरी जैसे फूल शामिल है.वही दूसरे जो संधारित प्रणाली से तैयार किए जाते हैं , जिन्हें टनल एवं शेडनेट के साथ तैयार किया जाता है.आर्केड जैसे फूल भी यहां पर होने लगे हैं.उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रजातियों के विभिन्न प्रकार के फूल यहां पर तैयार किए जा रहे हैं.गुलाब के फूलों की लगभग 5 किस्म यहां पर तैयार की जा रही हैं और फूल उत्कृष्टता केंद्र में तैयार फूलों को लोकल मार्केट में ही बेचा जा रहा है.रणथंभौर आने वाले देसी विदेशी पर्यटकों को खुशनुमा माहौल देने के लिए यहां के होटल संचालक लगातार रजनीगंधा आर्केड जैसे फूलों को होटलों के कमरे में सजाने के लिए ले जाते हैं.
उद्यान विभाग के उप निदेशक ने बताया कि फूल उत्कृष्टता केंद्र जीरो रेवेन्यू से शुरू था जो अब करीब 10 लाख के रेवेन्यू तक पहुंच चुका है.उपनिदेशक लखपत मीणा ने बताया कि पिछले साल लगभग 6 लाख का रेवेन्यू मिला था.जबकि इस साल 9 लाख से भी अधिक पहुंच चुका है.फूलों की बिक्री के साथ-साथ लोग यहां से विभिन्न प्रकार के फूलों के पौधे भी ले जाते हैं.साथ ही जो फूल खेल चुके हैं और उनके खरीदार नहीं मिले.
ऐसे फूलों के बीज तैयार करके भी बाजार में बेचा जाता है.फूल उत्पादन के साथ ही यह फूलों से गुलाब जल ,गुलकंद ,शर्बत ,इत्र आदि उत्पाद भी तैयार किये जा रहे है.जिन्हें बाजार में बेचा जा रहा है . फूलों को पोषण देने के लिए यहां पर केंचुए से जैविक खाद तैयार की जाती है जो सभी फूलों को तैयार करने में काम आती है
सवाई माधोपुर स्थित फूल उत्कृष्टता केंद्र फूलों की नई नई प्रजाति तैयार कर जिले में फूलों की खेती को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है ,फूल उत्कृष्टता केंद्र के फूलों की महक से जहाँ सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय महकने लगा है वही यहाँ तैयार फूलों के पौधों से जिले के कई किसानों द्वारा फूलों की खेती की जा रही है ,जिसके चलते आमदनी बढ़ने से किसानों का जीवन भी महकने लगा है .
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